प्रधानमंंत्री ने देश के विकास में युवाओं की भागीदारी का किया आह्वान

शांतिनिकेतन के विश्वभारती विश्वविद्यालय के चांसलर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं l  और आज उन्होंने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। इस मौके पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी मौजूद रहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर गुरूदेव रवींद्र नाथ टैगोर को विश्व की शख्सियत बताते हुए कहा कि गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर कभी भी भारतीयता से दूर नहीं गए।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की आगवानी करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। मौका था विश्वभारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का जिसके कुलाधिपति खुद पीएम मोदी हैं। दोनों ही नेताओं ने गुरूदेव रविंद्र नाथ टैगोर को दी श्रद्धांजलि

गुरूदेव रवींद्र नाथ टैगोर की कर्मस्थली शांति-निकेतन में आयोजित समारोह में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहुंचे तो उन्होंने बंग भाषा में लोगों का अभिवादन कर सभी का मन जीत लिया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बस यहीं नहीं रूके उन्होंने संवेदनशीलता का एक उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया और विश्वविद्यालय के चांसलर के नाते छात्रों को होने वाली परेशानी के लिए माफी मांगी।

गुरूदेव रवींद्र नाथ टैगोर को ग्लोबल सिटिज़न बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया के विश्वविद्यालयों में आज भी टैगोर अध्ययन का विषय हैं। उन्होंने कहा कि टैगोर कभी भारतीयता को नहीं भूले।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विकास में युवाओं की भागीदार बनने का भी आह्वान किया। उन्होंने न्यू इंडिया को बनाने के संकल्प में संस्थानों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि इस बजट में राइज़ के तहत अगले चार साल में देश के शैक्षिक व्यवस्था को सुधारने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। शैक्षिक संस्थाओं को पर्याप्त सुविधाएं मिले, इसके लिए 1000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ उच्च शिक्षा वित्तीय एजेंसी शुरू की गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कम उम्र में ही नवोन्मेष को तैयार करना का काम किया जा रहा है। इसके लिए देशभर के 2400 स्कूलों को चुना गया है। इन स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब के माध्यम से छठी से 12वीं क्लास के छात्रों पर ध्यान दिया जा रहा है। इन लैब में बच्चों को आधुनिक तकनीक से परिचित करवाया जा रहा है।

गुरूदेव रवींद्र नाथ टैगोर संगीत के एक बड़े साधक थे और उनकी कृतियों की गूंज हर जगह सुनाई देती है।

पीएम मोदी का जोर है कि शिक्षा के जरिए भारत सशक्त बने और सही मायने में गुरूदेव रवींद्र नाथ टैगोर की सोच भी यही थी। एक मजबूत भारत की कल्पना जो हमारे राष्ट्र ऋषियों ने की थी उसे हकीकत में बदलने का अब समय आ गया है।



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