स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में केंद्र की महत्वपूर्ण पहल

स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार ने समग्र शिक्षा नाम से नए कार्यक्रम की शुरुआत की है। सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा के लक्ष्य के साथ शुरू किए गए इस कार्यक्रम के तहत पहली बार प्री-स्कूल से लेकर 12वीं तक की शिक्षा को एकीकृत किया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज नई दिल्ली में इस कार्यक्रम की शुरुआत की।

समग्र शिक्षा, ये महज एक नया नाम नहीं बल्कि एक नई सोच है। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, शिक्षा में डिजिटल तकनीक के उपयोग और कौशल विकास के स्कूली शिक्षा में समायोजन की दिशा में बड़ी पहल करते हुए सरकार ने समग्र शिक्षा की शुरुआत की है। इसके तहत पहली बार प्री-स्कूल से लेकर 12वीं तक की शिक्षा को एकीकृत किया गया है और सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और टीचर एजुकेशन को मिलाकर नए कार्यक्रम यानि समग्र शिक्षा की शुरुआत की गई है।                     
स्कूली शिक्षा में सामाजिक और लैंगिक असमानता को दूर करना, नवीं से बारहवीं तक के छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण मुहैया कराना, शिक्षा में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देना और खेल-कूद और शारीरिक शिक्षा को प्रोत्साहन, समग्र शिक्षा के महत्वपूर्ण अंग हैं। कार्यक्रम के तहत कक्षा 6 से 8 तक चल रहे कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय को अपग्रेड कर कक्षा 12 तक चलाया जाएगा। इसका फायदा 6 लाख से अधिक ग्रामीण लड़कियों को मिलेगा। सरकार ने समग्र शिक्षा के बजट में 20 फीसदी की वृद्धि की है।

समग्र शिक्षा में टीचर एडुकेशन, सेवारत शिक्षकों के प्रशिक्षण और छात्रों के लर्निंग आउटकम में सुधार पर भी सरकार का खासा जोर है।



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