प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे झारखंड और पश्चिम बंगाल का दौरा
प्रधानमंत्री मोदी झारखंड की यात्रा पर सिंदरी यूरिया संयंत्र के पुनर्निमाण की आधारशिला रखेंगे। धनबाद के नज़दीक़ दो दशक से बंद इस कारखाने को तक़रीबन 7 हज़ार करोड़ रू.की लागत से चालू किया जा सकेगा।
मौजूदा केंद्र सरकार का ख़ासा ज़ोर यूरिया उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनना है। इसी के मद्देनज़र 2021 तक बरौनी,गोरखपुर सहित 5 खाद कारखानों से उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
इसी के साथ प्रधानमंत्री राज्य की स्वास्थ्य सेंवाओं को मज़बूत करने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की देवघर में नींव रखेंगे।
इसकी लागत 1,103 करोड़ रुपए की होगी। ये 750 बेड वाला अस्पताल 237 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा, जो अगले चार सालों में बनकर पूरा होगा। प्रधानमंत्री रिमोट के ज़रिए ही सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक मेडिसिन के लिए 250 जनऔषधि केन्द्रों की भी शुरुआत करेंगे।
रामगढ़ में 4 हजार मेगावॉट सुपर थर्मल ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला भी प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान रखेंगे। रामगढ़ के पतरातू में एनटीपीसी के संयुक्त उपक्रम से पहले चरण में बनने वाले इस ताप घर की तीन ईकाईयां 2021 तक बन जाऐंगी और इनकी लागत तक़रीबन 18 हज़ार करोड़ की होगी।
देवघर हवाईअड्डे, शहरी क्षेत्रों में एलपीजी वितरित करने के लिए गैस पाईपलाइन की आधारशिला रखने के साथ प्रधानमंत्री रांची में राज्य के 19 पिछड़े जिलों के डीसी के साथ बैठक भी करेंगे।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शुक्रवार को शांति निकेतन में मुलाक़ात करेंगे। दोनो नेताओं की यह मुलाकात बेहद अहम है। इस मौक़े पर प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश भवन का उद्घाटन करेंगे। विश्वभारती विश्वविद्यालय का कुलाधिपति होने के नाते प्रधानमंत्री दीक्षांत समारोह में भी शिरकत करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शुक्रवार को शांति निकेतन में मुलाक़ात करेंगे। इस मौक़े पर वे बांग्लादेश भवन का उद्घाटन करेंगे। विश्वभारती विश्वविद्यालय का कुलाधिपति होने के नाते प्रधानमंत्री दीक्षांत समारोह में भी शिरकत करेंगे।
विश्वविद्यालय के 'आचार्य' या 'कुलाधिपति' बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की ये पहली यात्रा होगी। पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में विश्वभारती विश्वविद्यालय की स्थापना रवीन्द्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1921 में की थी।1951 में इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला।
प्रधानमंत्री विश्वविद्यालय के पदेन आचार्य (चांसलर) होते हैं। अगर किसी कारणवश प्रधानमंत्री दीक्षांत समारोह के लिए उपस्थित नहीं हो पाते तो वे किसी योग्य व्यक्ति को नामित भी कर सकते हैं। विश्वभारती के दीक्षांत को लेकर छात्रों में ख़ासा उत्साह है।
विश्वविद्यालय परिसर में दीक्षांत के साथ ही प्रधानमंत्री पड़ोसी देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी मुलाक़ात करेंगे। दोनों प्रधानमंत्री परिसर में ही बांग्लादेश सरकार के सहयोग से बने नए बांग्लादेश भवन के उद्घाटन करेंगे।
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