केरल में नीपाह से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की कोशिशें जारी
दक्षिण भारत के राज्य केरल में फैले निपाह वायरस के खतरे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार काफी गंभीर है। गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा के निर्देश पर गठित राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र के नेतृत्व में विशेषज्ञों की केन्द्रीय टीम निपाह वायरस के संक्रमण की स्थिति की लगातार समीक्षा कर रही है। निपाह वायरस के संक्रमण से मौत के मामलों की समीक्षा करने के बाद केन्द्रीय टीम का मानना है कि...
निपाह वायरस से फैला रोग प्रकोप नहीं, बल्कि मात्र स्थानीय स्तर का संक्रमण है। इसी के मुताबिक टीम ने दिशा-निर्देश का प्रारूप तैयार कर स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सलाह, आम जनता के लिए जानकारी, जांच के नमूने एकत्रित करने के बारे में सलाह भी जारी की है। केंद्रीय टीम का मानना है कि रोग नियंत्रण के लिए अब तक किए गए प्रयास सफल रहे हैं, क्योंकि नए क्षेत्रों में यह बीमारी नहीं फैली है।
आंकडों पर गौर करें तो:
- रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या- 14
- संदिग्ध मरीजों की संख्या- 20
- कुल लोगों की मौत- 12 (9 कोझीकोड और 3 मलापुरम से)
इस बीच निपाह वायरस के मसले पर केरल में सर्वदलीय बैठक हुई जिसमें राजय की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा के साथ साथ श्रम मंत्री और परिवहन मंत्री भी शामिल हुए। स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कहा कि निपाह नियंत्रण में है और इसके फैलाव को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
उम्मीद की जानी चाहिए कि निपाह वायरस के खतरे से जल्द ही केरल उबर जाएगा और एक बार फिर से जिंदगी पटरी पर लौट आएगी।
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