किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में सरकार तेज़ी से प्रयासरत
देश में करीब 65 फीसदी लोगों का व्यवसाय कृषि पर ही निर्भर करता है. इसीलिए मोदी सरकार ने पिछले चार सालों में कृषि किसान और उसके विकास के लिए कई नई योजनाएं चलाईं, जिनके चलते देश में आजादी के बाद पहली बार अनाज का रिकॉर्ड उत्पादन करीब 279 मीट्रिक टन हुआ और दलहन के मामले में भी आत्मनिर्भर बने हैं.
केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई नई योजनाओं पर नजर डालें तो:
- मृदा स्वास्थ्य योजना- मिट्टी के स्वास्थ्य की जांच, उर्वरकों का संतुलित उपयोग. देशभर में अभी तक 14 करोड़ 20 लाख किसानों को ये कार्ड वितरित किए जा चुके हैं.
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना- आपदाओं से नष्ट फसलों का उचित मुआवजा, किसान की मौत पर मुआवजे की राशि बढ़ी है और पहले से ज्यादा पारदर्शिता लाई गई है.
- नीम लेपित यूरिया- यूरिया की कालाबाज़ारी रोकने के लिए यूरिया के नीम लेपित किया गया जिससे लागत में कमी आई है और उत्पादन बढ़ा है.
- जैविक खेती को बढ़ावा- पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को 947 करोड़ रुपये का बजट दिया गया और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए अलग से विशेष पैकेज भी दिया गया.
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत देसी नस्ल की गायों को बढ़ावा दिया गया जिससे दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी हुई.
- राष्ट्रीय कृषि बाजार- इस योजना में ई-नाम पोर्टल बनाकर देश की सभी मंडियों को जोड़ा गया, जिससे किसान कंही भी कभी भी अपने मुताबिक अच्छे दाम पर फसल बेच सकता है.
इसी के साथ-साथ सिंचाई के लिए भी सरकार ने गांवों के लिए बिजली की अलग फीडर लाइनें बनाने की योजना बनाई है.
कृषि के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे ज्यादा फोकस रहा है, जिसके चलते न सिर्फ नई योजनायें बनी बल्कि जमीनी स्तर पर उनकों लागू किया गया. आंकड़े बताते हैं कि पिछले 48 महीनों में किसान की दशा और दिशा बदली है. अब सरकार सरकार का अगला लक्ष्य वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय को दोगुना करने का है.
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