प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य से जुड़ी कई परियोजनाओं की शुरूआत की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एम्स में नेशनल एजिंग सेंटर की आधारशिला रखी। इस एजिंग इंस्टीट्यूट में बुजुर्ग मरीजों को इलाज मिलने के अलावा डॉक्टरों के प्रशिक्षण और शोध पर भी काम होगा। 2022 तक इसके शुरू होने की संभावना है।यह बुजुर्गों के लिए अलग से देश का पहला अस्पताल होगा। दो सौ बिस्तरों वाला यह अस्पताल 2020 तक बनकर तैयार होगा। इसके अलावा पीएम मोदी एम्स और ट्रामा सेंटर के बीच टनल, एम्स में विश्राम गृह और सफदरजंग के नए इमरजेंसी ब्लाक के अलावा आठ सौ सात बेड के सुपर स्पेशलिटी वार्ड को भी राष्ट्र को समर्पित किया।
एम्स में मरीजों का ईलाज करा रहे परिजनों को रहने की सुविधा मिले इसके लिए 32 करोड़ की लागत से बने तीन सौ बिस्तरों वाले धर्मशाला को भी प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को समर्पित किया। इसमें हेलीपैड की भी व्यवस्था है। धर्मशाला पावर ग्रिड के सहयोग से ट्रामा सेंटर में बना है। जिसमें सस्ते दर पर बिस्तर और खाना मिलता है।
टरशरी केयर में बिस्तरों की संख्या बढ़े और मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले इसके लिए सफदरजंग अस्पताल के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक को भी प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को समर्पित किया। 920 करोड़ की लागत से बने इस सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में 807 बेड है। यहां यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी और मधुमेह क्लीनिक की व्यवस्था है। लंबी लाइन ना लगे इसके लिए ऑटोमेटिक टोकन सिस्टम शुरू किया है। इसके अलावा सफदरजंग अस्पताल के इमरजेंसी ब्लॉक को भी प्रधानमंत्री राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 345 करोड़ की लागत से बने इस इमरजेंसी ब्लाक में 500 बेड ,65 आईसीयू और 17 ऑपरेशन शियेटर है।
सफदरजंग हॉस्पिटल में रोजाना 8000 से ज्यादा मरीज ओपीडी में आते हैं। और इससे कहीं ज्यादा मरीज इमरजेंसी में आते है। इन सुविधाओं से गरीब और आम आदमी को ईलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
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