ढांचागत सुधारों का हुआ लाभ: जेटली

आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार की आलोचना करने वालों पर केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने करारा प्रहार किया। अरुण जेटली ने कहा कि पिछले चार साल में मोदी सरकार ने न सिर्फ़ देश के आर्थिक विकास को नई रफ़्तार दी है बल्कि आम आदमी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में भी सरकार कामयाब रही है। सोमवार को लिखे एक फ़ेसबुक पोस्ट में जेटली ने विरोधियों को करारा जवाब दिया और कहा कि यूपीए काल के 'पॉ़लिसी पैरालिसिस' से एनडीए के दौरान देश का दुनिया भर में सबसे तेज़ गति से विकास करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनना सरकार के शानदार काम की गवाही देता है।

अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और ये आर्थिक और ढांचागत मोर्चे पर सरकार द्वारा उठाए गए क़दमों का ही नतीजा है। अरुण जेटली ने अपने फ़ेसबुक पोस्ट में न सिर्फ़ भारत की आर्थिक उपलब्धियों और विकास की रफ़्तार की तस्वीर पेश की बल्कि सरकार के आलोचकों को भी करारा जवाब दिया। 

पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7.7 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर ने भारत को विश्व की सबसे तेज गति से विकास करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया है। विमुद्रीकरण, जीएसटी के क्रियान्वयन और दिवालिया व शोधन अक्षमता संहिता को प्रभाव में आने के दौरान दो तिमाहियां चुनौतीपूर्ण तो रही, लेकिन जीडीपी में 2 प्रतिशत तक की गिरावट की बात करने वाले पूरी तरह ग़लत साबित हुए। 

अरुण जेटली ने लिखा कि सामाजिक कल्याण और ग्रामीण विकास कार्यक्रमों की दिशा में मोदी सरकार ने अभूतपूर्व क़दम उठाए हैं और इस दिशा में सरकार ऐतिहासिक क़ानून लेकर आई है। सड़क, रेलवे, आवास, ऊर्जा और स्वच्छता के क्षेत्र तरक़्क़ी के लिए बड़ी मात्रा में सरकारी ख़र्च की ज़रूरत होती है। इस प्रकार के सरकारी ख़र्च से विकास को तेज़ी मिलती है और हम सब इसके गवाह बन रहे हैं। 

रोज़गार और नौकरियों के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोलने वालों को भी अरुण जेटली ने सटीक जवाब दिया। उन्होंने लिखा, विनिर्माण क्षेत्र दहाई के आंकड़े से विस्तार कर रहा है। निवेश को गति मिली है। एफ़डीआई ऐतिहासिक स्तर पर है।  ढांचागत निर्माण और ग्रामीण परियोजनाओं में बड़ी मात्रा में व्यय किया जा रहा है। ये सभी क्षेत्र रोज़गार सृजन वाले क्षेत्र हैं। सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों और वित्तीय समावेशन कार्यक्रमों ने भी स्व रोज़गार को नई गति दी है। 

राजस्व के इज़ाफ़े और कर के मोर्चे पर हासिल उपलब्धियों के बारे में जेटली ने विमुद्रीकरण, जीएसटी, डिजिटाइज़ेशन, आधार और काले धन के ख़िलाफ़ लिए गए क़दमों का ख़ास तौर पर ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में शुद्ध कर वसूली में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष आयकर दाताओं की संख्या 6.86 करोड़ तक पंहुच गई और विमुद्रीकरण के बाद आयकर रिटर्न्स में 25% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। कॉरपोरेट कर में भी 17 फ़ीसद का इज़ाफ़ा हुआ है। जीएसटी के प्रभावी क्रियान्वयन से कर वसूली नए स्तर पर पंहुची है। 



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