आपातकाल को लेकर बीजेपी के निशाने पर कांग्रेस

25 जून, 1975 की देर रात राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने जैसे ही उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिफारिश पर आपातकाल के दस्तावेज पर दस्तखत किए, देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक काले अध्याय की नींव पड़ गई. नागरिकों के मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए और देशभर में विपक्षी नेताओं-कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का दौर शुरू हो गया.

जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, मधु लिमये, अटल बिहारी वाजपेयी, बीजू पटनायक, लालकृष्ण आडवाणी, मधु दंडवते आदि तमाम विपक्षी नेताओं को मीसा यानि आंतरिक सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. उस दिन को 43 साल पूरे हो गए हैं लेकिन उसकी काली यादें अब भी लोगों के जेहन में ताजा हैं.

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को प्रसार भारती चैयरमैन ए सूर्यप्रकाश की लिखी किताब ‘आपातकाल- भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय’ का विमोचन किया. इस मौके पर उन्होंने आपातकाल के काले दिनों को याद किया और इसे लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय करार दिया.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आपातकाल के बुरे दौर को याद करते हुए ट्वीट किया, ‘1975 में आज ही के दिन कांग्रेस द्वारा मात्र सत्ता में बने रहने के अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश में लोकतंत्र की हत्या कर दी गई. देश की संसद को निष्क्रिय बना कर उच्चतम न्यायालय को मूकदर्शक की हैसियत में तब्दील कर दिया गया और अखबारों की जुबान पर ताले जड़ दिए गए. असंख्य लोगों को बिना वजह कालकोठरी में डाल दिया गया. देश की जनता ने 21 महीनों तक अनेकों कष्ठ और यातनाएं सही.’

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने अपने फेसबुक पेज पर आपातकाल के लिए कांग्रेस और उसके तानाशाही रवैये की कड़ी निंदा की है. उन्होंने इंदिरा गांधी की तुलना जर्मनी के तानाशाह हिटलर से करते हुए लिखा, ‘इंदिरा गांधी और हिटलर दोनों ने ही संविधान की धज्जियां उड़ाई थीं. दोनों ने कभी भी संविधान को रद्द नहीं किया, लेकिन लोकतंत्र को तानाशाही में बदलने के लिए गणतंत्र के संविधान का इस्तेमाल किया. दोनों ने संविधान को तानाशाही में तब्दील कर दिया.’

जेटली ने अपने लेख में लिखा है कि कैसे आपातकाल के दौरान देश में भय और आतंक का माहौल था. राजनीतिक गतिविधियों पर विराम लग गया था. उन्होंने लिखा, ‘आपातकाल से सबक मिलता है कि अगर आप बोलने की आजादी पर पाबंदी लगाते हैं और सिर्फ दुष्प्रचार को अनुमति देते हैं तो आप उस प्रोपेगेंडा का सबसे पहले शिकार होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि आपको अपना प्रोपेगेंडा ही पूरी तरह सच नजर आता है.’

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी आपातकाल के 43 साल पूरे होने पर ब्लॉग के जरिए कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा,  ‘इमरजेंसी के दौरान श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा संविधान की मूल आत्मा को बर्बाद करने का प्रयास बहुत बेशर्मी से किया गया.’

बीजेपी ने इस मौके पर आपातकाल के दौरान अत्याचार झेलने और विरोध करने वाले लोगों को सम्मानित करने के कार्यक्रम का आयोजन किया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आपातकाल के मसले पर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा.

केंद्रीय मंत्री विजय गोयल द्वारा दिल्ली में आपातकाल पर लगाई गई प्रदर्शनी का खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने अवलोकन किया. इस मौके पर केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने जयप्रकाश नारायण को संघर्ष का नेता बताया.

मंगलवार को बीजेपी आपातकाल के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित करेगी. पीएम मोदी मंगलवार को मुंबई में होंगे और आपातकाल के खिलाफ लोहा लेने वालों को सम्मानित करेंगे.

19 महीनों के आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी ने 18 जनवरी, 1977 को लोकसभा चुनाव कराने का ऐलान कर दिया. लेकिन नतीजों में मिली हार ने उन्हें सबक सिखा दिया. 21 मार्च, 1977 को आपातकाल तो खत्म हो गया लेकिन अपने पीछे लोकतंत्र का सबसे बड़ा सबक छोड़ गया. इमरजेंसी ने देश की राजनीति में दूरगामी बदलाव की शुरुआत की और लोकतंत्र के मूल्यों की अहमियत भी दिखाई दी.



from DDNews Feeds https://ift.tt/2KldSkv

Comments

Popular posts from this blog

खेलो इंडिया युवा खेल का तीसरा चरण अगले साल गुवाहाटी में

IPL 2019: मुंबई से आज भिड़ेगी कोलकाता

Raj Rajeshwar Yoga: क्या आपकी कुंडली में है राज राजेश्वर योग?