प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल करेंगे किसानों से संवाद
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है। कृषि के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे ज्यादा फोकस रहा है जिसके चलते न सिर्फ नई योजनायें बनी बल्कि जमीनी स्तर पर उनकों लागू किया गया। आंकडे बताते है कि पिछले 48 महीनों में केंद्र की तमाम नीतियों की वजह से किसान की दशा और दिशा बदली है। किसानों से सरकार की योजनाओं की प्रगति की जानकारी लेने और उनकी सरकार के कदमों की जानकारी लेने के लिए पीएम मोदी बुधवार को खुद किसानों से सीधे संवाद करेंगे। पीएम सुबह 9:30 बजे देश भर के किसानों के साथ सीधी बातचीत करेंगे और इसे देश भर के कृषि विज्ञान केन्द्रों, कॉमन सर्विस सेंटर(सीएससी),दूरदर्शन,डीडी किसान एवं आकाशवाणी दवारा सीधे प्रसारित किया जायेगा। लोग 'नरेन्द्र मोदी एप' के जरिए भी प्रधानमंत्री के साथ संवाद कर सकेंगे। प्रधानमंत्री पहली बारदेश भर के किसानों से सीधा संवाद करने जा रहे हैं, जिसमें वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा होगी।
पीएम मोदी का ये संवाद देश भर के अलग अलग हिस्सों में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में बैठे किसानों से होगा। कृषि विज्ञान केंद्र देश में खेती को बढावा देने के लिए बडी संस्था है। 1974 में पुडुचेरी में स्थापित कृषि विज्ञान केंद्र राष्ट्रीय कृषि शोध प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा है । देश भर में इसके 690 केंद्र है। अगर इसके महत्वपूर्ण कामों की बात करें तो-
ये किसानों को तकनीकी मदद मुहैया कराता है। इसके अलावा ये कृषि से जुड़ी सुविधाएं और जानकारी प्रदान करता है। साथ ही ये किसानों के प्रशिक्षण के कार्यक्रम भी चलाता है।
देश में करीब 65 फीसदी लोगो का व्यवसाय कृषि पर ही निर्भर करता है। इसीलिये मोदी सरकार ने पिछले चार सालों में कृषि किसान और उसके विकास के लिये कई नयी योजनायें चलायी। जिनके चलते देश में आजादी के बाद पहली बार अनाज का रिकार्ड उत्पादन हुआ है और दलहन के मामले में भी देश आत्मनिर्भर बना है। केंद्र सरकार द्वारा बनायी गयी नयी योजनाओं की बात नजर डालें तो
मिट्टी के स्वास्थ्य की जांच के लिए मृदा स्वास्थय योजना आपदाओं से नष्ट फसलों का उचित मुआवजे के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरु की गयी है । यूरिया की काला बाज़ारी रोकने के लिये यूरिया के नीम लेपित करने का काम शुरु हुआ है जिससे लागत में कमी आयी है और उत्पादन बढ़ा है । राष्ट्रीय कृषि बाजार के तहत ई-नाम पोर्टल बनाकर देश की सभी मंडियों को जोड़ा गया, जिससे किसान कंही भी कभी भी अपने मुताबिक अछे दामों पर फसल को बेच सकता है । अब सरकार सरकार का अगला लक्ष्य वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय को दोगुना करने का है।
सरकार का सारा जोर किसानों की फसल का उत्पादन को बेहतर करने के लिए पर्याप्त तकनीकी मदद मुहैया कराने और उनको लागत का डेढ गुना मूल्य मुहैया कराने का है। कुल मिलाकर सरकार तमाम उपायों के जरिए खेती और किसानों को सशक्त बनाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है और पीएम खुद किसानों से बात करके इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि सरकार की योजनाओं का फायदा किसानों को मिल रहा है ।
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