जारी हुआ एनआरसी का दूसरा और आखिरी मसौदा

गुवाहाटी में आज कड़ी सुरक्षा के बीच असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का दूसरा और अंतिम प्रारूप जारी कर दिया गया। इस मसौदे में राज्य में 24 मार्च, 1971 तक निवास करने वाले और उनके वंशजों को जगह दी गयी है। इसमें करीब 2 करोड़ 89 लाख से ज्यादा नागरिक वैध पाए गए है। लेकिन 40 लाख से अधिक लोगों का नाम एनआरसी में नहीं है। लेकिन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज संसद में साफ कहा कि यह अंतिम सूचि नहीं है इसी लिए किसी को घबराहने की जरूरत नहीं है। किसी के खिलाफ बलपूर्वक कोई कार्रवाई नहीं होगी औऱ साथ ही जिन लोगों का नाम एनआरसी में नहीं है उन्हें शिकायत और दावों के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। हालांकि असम में सभी राजनीतिक दलों ने इसका स्वागत किया लेकिन असम से बाहार इस पर राजनीति भी शुरु हो गई है।

असम में नागरिकता की पहचान करने के मसले पर बना राष्ट्रीय नागरिक पंजी यानी एनआरसी का बहु-प्रतीक्षित दूसरा और आखिरी मसौदा 2.9 करोड़ नामों के साथ सोमवार को जारी कर दिया गया । राज्य में सभी एनआरसी सेवा केंद्रों में अंतिम मसौदा उपलब्ध है। मसौदे में 24 मार्च 1971 तक असम में रह रहे लोगों और बाद में उनके वंशजों को जगह मिली है।

मसौदे के मुताबिक तीन करोड़ 29 लाख 91 हज़ार 384 लोगों ने नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन किया था। इसमें से  2 करोड़ 89 लाख 83 हज़ार 677 नागरिक वैध पाए गए हैं। यानी  40 लाख से अधिक लोगों का नाम मसौदा सूची में नहीं है।

 मसौदा जारी होने के बाद  गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ किया कि ये सिर्फ ड्राफ्ट एनआरसी है, अंतिम एनआरसी नहीं। ऐसे में किसी को ना तो परेशान होने की और ना ही इससे डरने या आशंकित होने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि किसी के खिलाफ बलपूर्वक कोई कार्रवाई नहीं होगी।  हर व्यक्ति को अपने दावों और शिकायतों के लिए पर्याप्त अवसर दिया जाएगा। 

लोकसभा में भी ये मसला उठा और विपक्ष के कुछ सदस्यों ने इस पर अपनी आपत्तियां दर्ज की ।

गृह मंत्री ने सदन में इस पर जवाब दिया और कहा कि  पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से पूरी की गई है। ये संवेदनशील मसला है, ऐसे में इसपर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए।

एनआरसी के सफलतापूर्वक प्रकाशन के लिए राज्य के लोगों को बधाई देते हुए असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह ऐतिहासिक दिन हमेशा लोगों की यादों में रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा- "वृहद असमी समाज के हितों की रक्षा का हथियार'' बना एनआरसी असली भारतीय नागरिकों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त करने में सक्षम होगा।''

असम के राजनीतिक दलों ने भी इसका स्वागत किया है । असम गण परिषद और ऑल असम स्टूडेंट यूनियन ने मसौदा जारी होने का स्वागत किया है । उधर भारतीय महापंजीयक का भी कहना है कि लोगों को डरने की जरुरत नहीं है और लोग सेवा केंद्रों में सूची में शामिल होने के लिए फिर से आवेदन कर सकेंगे।

मसौदा जारी होने के साथ ही काफी संख्या लोग एनआरसी सेवा केंद्रों पर पहुंचकर अपना नाम पता कर रहे हैं।

इस बीच एनआरसी जारी होने के मद्देनजर एहतियातन राज्य के सभी 33 जिलों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेद्याज्ञा लागू कर दी गई है। मुख्यमंत्री सोनोवाल ने लोगों से ''साम्प्रदायिक और उकसावे'' वाली टिप्पणियां करने से बचने की भी अपील करते हुए सदभाव पूर्ण माहौल बनाए रखने की अपील की है । 

केंद्र ने असम और उसके पड़ोसी राज्यों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 220 टुकड़ियों को भेजा है। 



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