माल्या और चोकसी पर कसा शिकंजा

13 हजार करोड़ रूपये के पीएनबी घोटाले में आरोपी भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चौकसी के खिलाफ कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। भारत सरकार ने एंटीगुआ सरकार से कहा है कि चौकसी की उनके क्षेत्र में मौजूदगी की पुष्टि की जाए और साथ ही उसे हिरासत में लिया जाए। इस बीच विजय माल्या के मामले में लंदन कोर्ट में आज अंतिम सुनवाई होगी। बैंकों से फ्रॉड कर हज़ारों करो़ड़ रुपयों के वारे न्यारे कर देश से फरार होने वालों पर सरकार का शिकंजा कसता ही जा रहा है और कई मामलों में उसकी कार्रवाई अंजाम तक पहुंचने के करीब है।

सरकार 13 हजार करोड़ रूपये के पीएनबी घोटाले में आरोपी भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चौकसी के काफी करीब पहुंच चुकी है। चौकसी के कैरैबियन देश एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर वहां छिपे होने की जानकारी मिली है। जैसे ही विदेश मंत्रालय को भगोड़े मेहुल चौकसी के एंटीगुआ में छिपे होने की सूचना मिली, जॉर्जटाउन में तैनात भारतीय उच्चायुक्त ने तुरंत एंटीगुआ- बारबूडा सरकार को लिखित में इसकी सूचना दी । एंटीगुआ सरकार से कहा गया है कि चौकसी की उनके क्षेत्र में मौजूदगी की पुष्टि की जाए और साथ ही उसे हिरासत में लिया जाए। उसे ज़मीन, वायु या समुद्री मार्ग से कहीं आने जाने न दिया जाए।  भारत सरकार की तमाम जांच एजेंसियां मेहलु चौकसी को लेकर एंटीगुआ- बारबूडा सरकार के विभिन्न विभागों से लगातार संपर्क में हैं। मेहुल चौकसी पर पीएमएलए यानी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज है, जिसमें उसकी तलाश की जा रही है। सरकार इस वर्ष फरवरी में ही चोकसी का पासपोर्ट रद्द कर चुकी है।

वहीं एंटीगुआ की मीडिया की ख़बरों के मुताबिक वहां की सरकार ने संकेत दिया है कि वह भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मामा मेहुल चौकसी को भारत वापस भेजने के ''वैध अनुरोध'' पर विचार कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक एंटीगुआ सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर उन्हें मेहुल चोकसी पर लगे आरोपों के बारे में पहले से पता होता तो उसे नागरिकता नहीं दी जाती।

वहीं, देश के 9000 करोड़ रूपये से ज्यादा  लेकर भागे उद्योगपति विजय माल्या के प्रत्यर्पण के मामले की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है मंगलवार को विजय माल्या के मामले में लंदन कोर्ट में अंतिम सुनवाई होगी और इसके बाद इस मामले में किसी भी क्षण अंतिम फैसला आ सकता है। कोर्ट में पेश होने के लिए सीबीआई और ईडी दोनो की टीमें लंदन पहुंच चुकी है। सुनवाई खत्म होने पर ये कोर्ट पर निर्भर है कि वो फैसला तत्काल सुना दे या फिर फैसले के लिए अगली तारीख दे दे। इसके साथ ही  दोनों ही पक्ष अपने खिलाफ फैसला आने पर लंदन की सुप्रीम कोर्ट मे अपील दायर कर सकते हैं।

बैंको से धोखाधड़ी करने के एक और आरोपी नीरव मोदी के खिलाफ मुंबई की विशेष अदालत ने पिछले दिनों खुली अवधि का गैर जमानती वारंट जारी किया। प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर धनशोधन रोकथाम अधिनियम  मामलों की विशेष अदालत ने मोदी और 12 दूसरे भगौड़े आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए। कुल मिलाकर सरकार बैंक फॉड कर विदेश भागे आरोपियों पर लगातार शिकंजा कस रही है और उन्हें स्वदेश लाने के लिए हर सम्भव कोशिश की जा रही है।
 



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