राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर मुद्दे पर हंगामे के बाद राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित

राज्यसभा में आज राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पर हुई चर्चा पर हंगामा हुआ। बहस के दौरान सदन में प्रतिपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इसमें शामिल परिवारों के विस्थापन की संभावनाओं पर चिंता जताई।

बीजेडी के सांसद प्रसन्न आचार्य ने भी कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए।

विपक्षी दलों के आरोपों का जवाब देते हुए सदन में अमित शाह ने उन्हें याद दिलाया कि तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने सबसे पहले असम समझौता किया था और उस एकॉर्ड के मूल में ही एनआरसी का गठन था। लेकिन पहले की सरकारों में ऐसा करने की हिम्मत नहीं थी। 

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने देश की आंतरिक सुरक्षा पर राजनीतिक दलों से राजनीति न करने की अपील की और कहा कि वो बांग्लादेशी घुसपैठियों पर अपना रूख साफ करें।

असम नागरिकता मु्द्दे पर राजनीति गर्म होती जा रही है। विपक्षी दलों के आरोप पर बीजेपी ने आज करारा प्रहार किया है। बीजेपी ने 40 लाख भारतीय नागरिकों को अवैध घोषित करने के आरोप पर कहा कि प्राथमिक जांच होने के बाद जो भारतीय नहीं है उनके नाम नागरिक रजिस्टर से हटाए गए हैं। भाजपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि असम के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए एनआरसी बनाया गया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए भारत में कोई जगह नहीं है। विपक्षी दल बांग्लादेशी घुसपैठियों पर अपना रूख साफ करें।

उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा पर राजनीतिक दलों से राजनीति न करने की बात कही। अमित शाह ने कहा कि सबसे पहले कांग्रेस ही असम समझौते को लेकर आई थी। 

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि जिन लोगों के नाम असम के एनआरसी में दर्ज नहीं है उनके खिलाफ कोई भी जबरदस्ती की कार्रवाई न की जाए। अदालत ने कहा कि यह अभी सिर्फ मसौदा है। वहीं NRC कॉर्डिनेटर ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन लोगो के नाम दूसरे ड्राफ्ट में शामिल नहीं किये गए है, वो 7 अगस्त के बाद इसकी वजह जान सकते है और  30 अगस्त के बाद  नागरिकता को लेकर अपनी आपत्तियों और दावों को दर्ज करा सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसे सभी लोगों को अपने दावे  साबित करने के लिए पर्याप्त मौका मिलना चाहिए । कोर्ट ने NRC कोऑर्डिनेटर से लिस्ट में शामिल न किये गए लोगों के दावो की पुष्टि के लिए अपनाएं जाने  वाली प्रकिया की जानकारी मांगी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि NRC के दूसरे ड्राफ्ट के रिलीज के आधार पर अथॉरिटी किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही कर सकती। और जिन लोगों के नाम छूट गए है, उन्हें पूरा मौका मिलने के बाद ही कोई एक्शन लिया जाएगा। 



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