पूरे समाज के लिए एक मिसाल बेंगलुरु के 'पॉटहोल राजा'
सड़कों के गड्ढ़े कितनी बड़ी परेशानी का सबब बनते है, ये वाहन चालने वाले अच्छी तरह से समझते हैं। और ये गढ्ढे सिर्फ परेशानी ही नहीं खड़ी करते, कई बार ये मौत का कारण भी बनते हैं। ऐसे में बेंगलुरु के 'पॉटहोल राजा' ने खुद सड़क के तमाम गड्ढों को भरने का बीड़ा उठाया है। पायलट रह चुके प्रताप भीमसेन राव को सड़क के गड्ढ़े की वजह से अपने एक दोस्त की मौत ने हिलाकर रख दिया. और तभी से उन्होंने बीड़ा उठाया कि वो इन सड़कों की मरम्मत खु़द करेंगे।
देखते ही देखते केवल एक साल में प्रताप और उनकी टीम ने शहर की तमाम सड़कों पर 200 से अधिक गड्ढे भर दिए। इसके लिए उन्होंने कोल्ड़ ऐशफॉल्ट यानी ठंडे डामर के इस्तेमाल की तकनीक को अपनाया जो न सिर्फ किफायती है बल्कि जल्दी तैयार भी हो जाती है।उनके इस नेक काम में आम लोगों और कई संगठनों ने सहयोग देना शुरू कर दिया है।
लोगों के सहयोग से प्रताप और उनके साथियों ने एक प्राइवेट एंटरप्राइज़ के साथ सड़कों पर गड्ढों को भरने के लिए साझेदारी की है जिसे पॉटहोल राजा का नाम दिया गया है। कुछ औद्योगिक संगठन इन्हें अब सड़कें ठीक करने का बाकायदा ठेका देने लगे हैं।
पॉटहोल राजा ने उन लोगों की आंखे खोल दी हैं जो समझते है कि अच्छी सड़कें बनाना सिर्फ सरकार की ज़िम्मेदारी है। सही मायनों में उज्जवल और सशक्त भारत का सपना तभी साकार हो सकेगा जब आम नागरिक भी सरकार के साथ मिलकर सार्वजनिक कार्यों में अपनी भागीदारी निभाएंगे। बैंगलुरू में पॉटहोल राजा ने जिसकी शुरुआत कर दी है।
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