कई राज्यों में मौसम की मार, जनजीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त

उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के चलते लोगों की मुसीबतें बढ़ गई है। राज्य में हो रही लगातार बारिश से राज्‍य के अधिकांश जिलों में जनजीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त हो गया है। राजधानी लखनऊ की अधिकांश सड़कों पर जलभराव के कारण यातायात बाधित हुआ है।मूसलाधार बारिश और बिजली गिरने से जुड़ी घटनाओं में अब तक 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

राजधानी दिल्ली में भी यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर आ गया है। यमुना का जल स्तर 206 मीटर दर्ज किया गया।  फिलहाल लोहे के पुल पर दोनों ओर से रेलवे यातायात को बहाल कर दिया है लेकिन पुल से सड़क यातायात पर रोक जारी है। निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के कानपुर में गंगा के प्रकोप से लेकर दिल्ली में यमुना के उफान से लोगों की मुश्किल बढ गयी है । उत्‍तर प्रदेश के पश्चिमी, पूर्वी और बुंदेलखंड क्षेत्रों के 35 जिलों में हुई भारी बारिश से 65 लोगों की मौत हो गई है। बारिश से जुड़ी घटनाओं में 57 लोग घायल भी हुए हैं और करीब 400 मकानों को नुकसान पहुंचा है। मुज़फ्फरनगर में बारिश के चलते छत गिर गई तो मथुरा में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने वर्षा से जुड़ी घटनाओं में मारे गए प्रत्‍येक व्‍यक्ति के परिवार को चार लाख रूपये की सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के अधिकारियों को सावधान रहने तथा प्रभावित इलाकों का दौरा करने का निर्देश दिया है।

उधर बिहार की राजधानी पटना में भी बारिश से हालात गंभीर है। शहर के कई इलाकों में घुटनों तक पानी भरा है, लिहाज़ा भारी बारिश की वजह से शहर में सरकारी और निजी स्कूल बंद रहे। हरियाणा के हथिनी कुंड से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का
जलस्तर बढ़ता जा रहा है। दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से करीब आधा मीटर से ज्यादा ऊपर बह रही है। फिलहाल लोहे के पुल पर दोनों ओर से रेलवे यातायात को बहाल कर दिया है लेकिन पुल से सड़क यातायात पर रोक जारी है। निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। नदी की स्थिति पर नजर रखने के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष और चौबीसों घंटे काम करने वाले आपात संचालन केंद्र स्थापित किये हैं।

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से किन्नौर जिले में किन्नर कैलाश यात्रा अगले आदेश तक निलंबित कर दी गयी है, वहीं हरियाणा के यमुनानगर जिले के 30 गांवों और करनाल जिले के 10 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। यमुना नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सरकार बारिश और बाढ़ से जूझ रहे नागरिकों को हर संभव सहायता मुहैया करा रही हैं।



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