रेलवे को डिजिटल बनाने की तैयारियां तेज़
रेल मंत्री पीयूष गोयल लगातार रेलवे के डिजिटल तंत्र को मजबूत करके लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं. रेल मंत्रालय यात्रियों को यात्रा के दौरान अधिक से अधिक तकनीकी सुविधाएं प्रदान कर रहा है. फिक्की द्वारा आयोजित स्मार्ट रेलवे कॉनक्वेल के उद्घाटन के मौके पर रेल मंत्री ने कहा कि अगले 6 महीने में रेल मंत्रालय 6 हजार रेलवे स्टेशनों को वाई-फाई से लैस कर देगा और इसकी स्पीड 40 एमबीपीएस होगी. साथ ही सभी ट्रेनों को जीपीएस से युक्त कर दिया जाएगा, जिससे लोग अपनी ट्रेन की लोकेशन देख सकेंगे.
रेल मंत्री के मुताबिक रेलवे डिजिटल तकनीक का भी इस्तेमाल कर रही है. एक तरफ सरकार फाइबर आप्टिक्स को दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचा रही है, तो दूसरी ओर रेलवे पूरे रेल नेवटर्क में अधिकतम तकनीक के इस्तेमाल की पूरी कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय तेजी से परियोजनाओं पर काम कर रहा है. पिछले साल रेल मंत्रालय ने 4087 किलोमीटर नेटवर्क का विद्युतीकरण करने में सफलता पाई है. रेल मंत्री के मुताबिक 2009 से 2014 के बीच रेलवे में कुल निवेश 2.3 लाख करोड़ रुपये हुआ था, जबकि मोदी सरकार ने इसे बढ़ाकर 5.3 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. उन्होंने कहा कि केवल निवेश बढ़ाना ही अहम नहीं है, बल्कि ये भी अहम है सरकार इस पैसे का कैसे सही तरीके से निवेश कर रही है.
रेल मंत्री ने कहा कि इस साल के आखिर में 'हाई स्पीड ट्रेन 18' का ट्रायल शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि गतिमान एक्सप्रेस को झांसी तक बढ़ाकर देश की प्रीमियम ट्रेन को देश की राजधानी से देश के सबसे पिछड़े इलाके से जोड़ दिया गया है. उन्होंने कहा कि व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है और बोली लगाने की व्यवस्था के जरिए सही पैसे में बेहतर क्वालिटी लाई जा रही है. पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार स्मार्ट रेलवे और स्मार्ट देश के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि देश के हर नागरिक को बेहतर भविष्य मिल सके.
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