प्रधानमंत्री मोदी बिम्सटेक सम्मेलन में हिस्सा लेने काठमांडू पहुंचे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौथे बिम्सटेक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए काठमांडू पहुंच गए हैं। इस बार सम्मेलन का मुख्य विषय है - बंगाल की खाड़ी शांति, खुशहाली और स्थायित्व की ओर। सम्मेलन में सुरक्षा और आतंकवाद जैसे अहम मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ कनेक्टीविटी और आर्थिक साझेदारी बढ़ाने के मसले पर भी रणनीति तैयार की जाएगी। 

काठमांडू में दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों का संगम होनेवाला है। गुरुवार से शुरु हो रहे बिम्सटेक सम्मेलन के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। चौथे सम्मेलन में बिम्सटेक के गोवा सम्मेलन में तय किए गए लक्ष्यों की समीक्षा की जाएगी तो साथ क्षेत्रीय सहयोग को और गाढ़ा करने के उपायों पर चर्चा की जाएगी।

एक क्षेत्रीय संगठन के रुप में बिम्सटेक की अहमियत एक बेहद ही मजबूत आर्थिक और सामरिक समूह तौर पर लगातार बढ़ रही है। बिसटेक सम्मेलन में सुरक्षा और आतंकवाद, यातायात और संपर्क, पर्यावरण और आपदा प्रबंधन के साथ आर्थिक साझेदारी बढ़ाने के उपायों पर खासतौर से चर्चा होने की उम्मीद है।

बिम्सटेक का पूरा नाम है- बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकॉनॉमिक कोपरेशन.. इसके सदस्य देश हैं बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यामां, नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका। बिम्सटेक देशों में दुनिया की 22 फीसदी आबादी रहती है तो सदस्य देशों की कुल जीडीपी 2.8 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है।

सबसे खास बात ये है कि ये ऐसे देश हैं, जिनकी विरासत साझी है तो सोच भी शांति, समृद्धि और विकास को लेकर एक जैसी है। दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी बिम्सटेक देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे। प्रधानमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी चौथी बार नेपाल जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी नेपाल यात्रा के दौरान पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में करीब 400 बिस्तरों वाली धर्मशाला का भी उद्घाटन करेंगे। इसका निर्माण भारत की मदद से किया गया है। इस धर्मशाला को लेकर भारत और नेपाल के लोगों में काफी उत्साह है। 

भगवान शिव के पशुपति स्वरूप को समर्पित नेपाल का ये पशुपतिनाथ मंदिर है। हर साल यहां दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु आते हैं, जिनमें सबसे अधिक भारतीय श्रद्धालु होते हैं। यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल की सूची में शामिल भगवान पशुपतिनाथ का मंदिर नेपाल में शिव का सबसे भव्य और पवित्र मंदिर माना गया है। ये मंदिर हिन्दू धर्म के आठ सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। मई 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल यात्रा के दौरान पशुपतिनाथ मंदिर को भारत और नेपाल के लोगों की साझी धार्मिक विरासत का प्रतीक बताया था। 

उसी समय प्रधानमंत्री मोदी ने पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करने के बाद आशा जताई थी कि मंदिर परिसर में भारत-नेपाल सहयोग के तहत बन रही धर्मशाला से श्रद्धालुओं को नई सुविधाएं मिलेंगी। अब प्रधानमंत्री मोदी मंदिर परिसर में उस धर्मशाला का उद्घाटन करेंगे। 

करीब 400 बिस्तरों की क्षमता वाली धर्मशाला तीन मंजिला इमारत है। भवन में रसोईघर, डाइनिंग हॉल, लाइब्रेरी बनाई गई है। धार्मिक उद्देश्यों के लिए एक हॉल समेत दफ्तरों के लिए कई कमरे भी है। मंदिर परिसर में ट्यूबवेल, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, अंडरग्राउंड वॉटर टैंक, सोलर हीटर और जनरेटर जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं। 
 
भारत-नेपाल मैत्री पशुपति धर्मशाला। इस नाम में ही दोनों देशों के बीच रिश्तों की एक नई गर्माहट का अहसास होता है। भारत की तरह नेपाल में भी काफी उत्साह है। भारत के सहयोग से नेपाल में बना ये धर्मशाला भवन दुनिया भर से आए श्रद्धालुओं की हर जरुरत को तो पूरा करेगा ही, दोनों देशों के बीच मैत्री संबंधों को भी और मजबूत बनाएगा। 



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