प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार पटेल को आधुनिक भारत का महानायक बताया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि लौहपुरूष सरदार वल्‍लभभाई पटेल की दूरदर्शिता, संवेदनशीलता और राजनीतिक कौशल के कारण ही देश एक सूत्र में बंधा है। कल अपने मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्‍ट्र 31 अक्‍तूबर को सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर उन्‍हें श्रद्धांजलि अर्पित करेगा, और उसी दिन स्‍टेच्‍यू ऑफ यूनिटी भी राष्‍ट्र को समर्पित की जाएगी। प्रधानमंत्री ने रन फार युनिटी में सभी से बढचढ कर हिस्सा लेने की अपील की।

प्रधानमंत्री ने आगामी 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती के मौके पर इस महान नेता को याद करते हुए उन्हे आधुनिक भारत का महानायक बताया. उन्होने कहा कि सरदार पटेल की सुझबूझ और विलक्षण नेतृत्व क्षमता की बदौलत ही  आज भारत एक राष्ट्र के रुप में स्थापित हो पाया है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी जी ने सरदार पटेल से कहा कि राज्यों की समस्याएँ इतनी विकट हैं कि केवल आप ही इनका हल निकाल सकते हैं और सरदार पटेल ने एक-एक कर समाधान निकाला और देश को एकता के सूत्र में पिरोने के असंभव कार्य को पूरा कर दिखाया | उन्होंने सभी रियासतों का भारत में विलय कराया | चाहे जूनागढ़ हो या हैदराबाद, त्रावणकोर हो या फिर राजस्थान की रियासतें - वे सरदार पटेल ही थे जिनकी सूझबूझ और रणनीतिक कौशल से आज हम एक हिन्दुस्तान देख पा रहे हैं |

प्रधानमंत्री ने आजाद भारत के सामने उपस्थित विकट समस्याओं का जिक्र करते सरदार पटेल की भूमिका का विस्तार से जिक्र किया। इस विषय़ पर उन्होनें 1947 में सरदार पटेल पर छपे लेख का उदाहरण दिया। आज़ादी से लगभग साढ़े छह महीने पहले, 27 जनवरी 1947 को विश्व की प्रसिद्ध international magazine 'Time Magazine' ने जो संस्करण प्रकाशित किया था, उसके cover page पर सरदार पटेल का फोटो लगा था | अपनी lead story में उन्होंने भारत का एक नक्शा दिया था और ये वैसा नक्शा नहीं था जैसा हम आज देखते हैं | ये एक ऐसे भारत का नक्शा था जो कई भागों में बंटा हुआ था | तब 550 से ज्यादा देशी रियासते थीं | भारत को लेकर अंग्रेजों की रूचि ख़त्म हो चुकी थी, लेकिन वो इस देश को छिन्न-भिन्न करके छोड़ना चाहते थे | Time Magazine' लिखता है कि इन सबके बीच देश को एकता के सूत्र में पिरोने और घावों को भरने की क्षमता यदि किसी में है तो वो है सरदार वल्लभभाई पटेल | 

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस 31 अक्टूबर को  गुजरात में नर्मदा नदी के किनारे लौह पुरुष सरदार पटेल की एक विशाल प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। ये दुनिया की सबसे विशाल प्रतिमा है, हर भारतीय को इसपर गर्व होगा। इस 31 अक्तूबर को सरदार पटेल की जयन्ती तो और भी विशेष होगी - इस दिन सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए हम Statue of Unity राष्ट्र को समर्पित करेंगे | गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर स्थापित इस प्रतिमा की ऊँचाई अमेरिका के Statue of Liberty से दो गुनी है | ये विश्व की सबसे ऊंची गगनचुम्बी प्रतिमा है | हर भारतीय इस बात पर अब गर्व कर पायेगा कि दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा भारत की धरती पर है |

प्रधानमंत्री ने इस अवसर देश भर में आयोजित होने वाली रन फार युनिटी में सभी से बढचढ कर हिस्सा लेने की अपील की। 31 अक्तूबर हम सबके प्रिय सरदार वल्लभभाई पटेल की जयन्ती और हर वर्ष की तरह 'Run for Unity' के लिए देश का युवा एकता के लिए दौड़ने को तैयार हो गया है | अब तो मौसम भी बहुत सुहाना होता है | यह 'Run for Unity' के लिए जोश को और बढ़ाने वाला है | मेरा आग्रह है कि आप सब बहुत बड़ी संख्या में एकता की इस दौड़ में 'Run for Unity' में अवश्य भाग लें | प्रधानमंत्री ने कहा कि तमाम झंझावातों के बीच और विकट परिस्थितियों के बीच आधुनिक भारत और एकता के सूत्र में बंधे भारत का निर्माण करने के लिए देश सदा लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पुटेल का आभारी रही रहेगा।



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