जी-20 शिखर सम्मेलन में WTO में सुधारों को लेकर चर्चा की उम्मीद
ब्यूनस आयर्स में होने वाली जी-20 की दसवीं बैठक में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी रवाना हो चुके हैं. अपने 48 घंटों के प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री दुनिया के कई शीर्ष नेताओं से मुलाक़ात करेंगे.
प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा से पूर्व जारी किए गए वक्तव्य में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की समृद्धि के लिए भारत की प्रतिबद्धता दृढ़ है. समान और सतत विकास के लिए सामंजस्य स्थापित करने पर भारत का ज़ोर रहा है. वैश्विक अर्थव्यवस्था और व्यापार पर चर्चा होगी. वैश्विक वित्तीय और कर व्यवस्था के अलावा आधारभूत संरचना और महिला सशक्तिकरण के लिए भी मंथन होगा.
विश्व के प्रमुख नेताओं के साथ मुलाक़ातों के अलावा जी-20 में तीन मुख्य सत्र होंगे. पहला सत्र 'Putting people first' यानि वैश्विक अर्थव्यवस्था, भविष्य की चुनौतियों पर आधारित होगा. जबकि दूसरा सत्र आपस में सामंजस्य स्थापित करने पर होगा तो वहीं तीसरा सत्र में अवसरों को समावेशी बनाने पर चर्चा होगी.
इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री डिजिटल क्रांति के बढ़ते हुए दायरे और नई अर्थव्यवस्था से बढ़ते रोज़गारों पर भी ज़ोर देंगे. साथ ही वे भारत में लोगों के जीवन स्तर को सुधारने और वित्तीय समावेश के लिए महत्वकांक्षी जन-धन योजना, कर सुधारों के लिए जीएसटी उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा और स्टार्ट-अप योजनाओं का ज़िक्र करेंगे. 2015 में अहम रहे पेरिस समझौते के मुताबिक़ सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत अगुवाई भी कर रहा है ऐसे में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के तकनीक पर भी चर्चा होगी. सम्मेलन में आपदा प्रबंधन, देशों के बीच विभिन्न तकनीकों के आदान-प्रदान पर भी ज़ोर रहेगा.
इस दौरान प्रधानमंत्री चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग, जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति मैंक्रों सहित ब्रिक्स के नेताओं और दूसरे अन्य दिग्गजों से भी मुलाक़ात करेंगे. दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाओं और विकसित देशों की बढ़ती आर्थिक शक्तियों के इस सम्मेलन में अर्जेंटीना का टैंगों क्या नया मोड़ लेकर आएगा ये आने वाले दिनों में ज़रूर तय होगा.
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