जीडीपी: विवाद खड़ा करने के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कांग्रेस की आलोचना की
उन्होंने कहा कि जब सीएसओ ने 2012-13 और 2013-14 के लिये जीडीपी के आंकडो को संशोधित किया था तो वह बढ़ा हुआ आया था तब कॉंग्रेस ने इस फैसले का स्वागत किया था, लेकिन अब जब इसी पैमाने पर कांग्रेस के पूरे कार्यकाल का आकलन किया जा रहा है तो कांग्रेस नेता बेचैन हो गए हैं। जेटली ने कहा कि जीडीपी आंकलन के नए मानदंडों में तमाम विश्वस्तरीय कारकों को शामिल किया गया है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नई सीरीज के जीडीपी डेटा जारी होने पर कांग्रेस की तरफ से हो रहे हमलों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी विरोधाभासी बातें कर रही है। वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि जब सीएसओ ने 2012-13 और 2013-14 के लिये जीडीपी के आंकडो को संशोधित किया था तो वह बढ़ा हुआ आया था तब कॉंग्रेस ने इस फैसले का स्वागत किया था। और अब जब इसी पैमाने पर कोंग्रेस के पूरे कार्यकाल का आकलन किया जा रहा है तो कांग्रेस के नेता उसी पर सवाल उठा रहे हैं, जिसकी कभी उन्होंने तारीफ की थी।
सीएसओ ने फरवरी 2015 में जीडीपी के आकलन की पद्धति में बदलाव का ऐलान किया था। इसके तहत, जीडीपी आकलन का बेस इयर 2004-05 से बदलकर 2011-12 कर दिया गया। जीडीपी के आकलन का नए मानदंडों में तमाम विश्वस्तरीय कारकों को शामिल किया गया है। दरअसल, बुधवार को 2004 से 2012 तक नई सीरीज का जीडीपी डेटा जारी किया गया जब यूपीए का शासन था। नई सीरीज के जीडीपी आंकड़ों में यूपीए के 10 साल के कार्यकाल के अधिकांश वर्षों के दौरान जीडीपी में वृद्धि दर के आंकड़ें घट गए हैं।
-केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार 2010-11 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रही थी।
-जिसे इसके पहले पुरानी सीरीज के आधार पर 10.3 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया था
-इसी तरह 2009 में जीडीपी दर 3.9 प्रतिशत थी, जो नए आंकड़ों के मुताबिक 3.1 प्रतिशत थी
-वैसे ही 2005-06 जीडीपी की दर 9.3 % आंकी गई थी जोकि नई सीरीज के लिहाज़ से 7.9% थी
-साथ ही 2006-07 में भी जीडीपी की दर 9.3 % रही थी जोकी नई सीरीज के लिहाज़ से 8.1 % बनती है
-2007-08 में जीडीपी की दर को 9.8 % बताया गया था जोकि संशोधित होकर 7.7% ही है।
गौरतलब है कि जीडीपी को मापने के लिए एक ही बेस यर हो सकता है और अगर कोंग्रेस 2012-13 और 2013-14 में विकास दर में वृद्दी से अपनी पीठ थपथपा रही है तो 2004 से लेकर 2012 तक जीडीपी में हुई गिरावट के लिए भी जिम्मेदारी कोंग्रेस को ही लेनी होगी।
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