दो धमाकों से दहला पाकिस्तान

जुमे के दिन पाकिस्तान के कराची शहर में पहला धमाका हुआ, जहां हथियारों से लैस तीन आत्मघाती हमलावरों ने पॉश इलाके क्लिफटन में स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाया. आतंकवादियों ने साढ़े नौ बजे के करीब सबसे पहले दूतावास के बाहर जांच चौकी पर हमला किया और इलाके में एक हथगोले से विस्फोट किया. हमले में दो पुलिसकर्मियों की मौत के बाद हमलावर दूतावास के दरवाजे की तरफ बढ़े. हालांकि गार्डों ने दूतावास संबंधी कार्यों के लिए आए लोगों को जल्दी से इमारत में प्रवेश कराया और दरवाजे बंद कर दिए. इस बीच अर्द्धसैनिक बलों के रेंजर मौके पर पहुंचे और हमलावरों के साथ मुठभेड़ कर तीन को मार गिराया. हमलावरों के पास से हथियार और विस्फोटक सामग्रियां बरामद की गईं.

कड़ी सुरक्षा और रेड जोन माने वाले इस इलाके में बहुत से नामी रेस्त्रां, दूतावास और स्कूल हैं. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी का बिलावल हाउस भी इसी इलाके में स्थित है. खतरे का पता लगाने तक पास के स्कूलों एवं भोजनालयों को बंद रखा गया.

पाकिस्तान अभी इस धमाके से उबरा भी नहीं था कि उसके अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक भीड़भाड़ वाले बाजार में मदरसे के पास शक्तिशाली बम विस्फोट हो गया, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए. कबायली जिले औरकजई के कलाया इलाके में शिया इमामबाड़ा के पास जुमा बाजार में एक बाइक में विस्फोटक लगाया गया था. जिस समय विस्फोट हुआ, वहां लोग गर्म कपड़े खरीद रहे थे. हताहत हुए लोगों में ज्यादातर अल्पसंख्यक शिया मुसलमान हैं, जिन्हें इलाके में पहले भी निशाना बनाया गया है. हालात से निपटने के लिए क्षेत्र के अस्पतालों में आपात स्थिति की घोषणा की गई है.

पाक सरकार ने हमले की कडी निंदा की है. पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है हमला देश को अशांत करने की कोशिश है और सरकार आतंकवाद को कुचल देगी. पाक की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजरी ने हमले के लिए अफगानिस्तान में अमेरिका की विफलता को जिम्मेदार ठहराया और चेतावनी दी कि पाकिस्तान को ऐसी और घटनाओं के लिए तैयार रहना चाहिए. उधर चीन ने अपने वाणिज्य दूतावास पर हुए एक आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए पाकिस्तान से आग्रह किया कि वह देश में चीन के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘व्यवहारिक कदम’ उठाए.

इस बीच प्रतिबंधित संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी बीएलए ने कराची हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा करते हुए कहा है कि वो बलूच भूमि पर चीन की किसी भी सैन्य विस्तारवादी नीति को बर्दाश्त नहीं करेगा. भारत ने भी पाक में हुए आतंकी हमले की निंदा की है. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘आतंकवाद के किसी भी कृत्य को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है. इस जघन्य हमले को अंजाम देने वालों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए. ऐसे आतंकी हमले अंतराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के सभी स्वरूपों से मुकाबला करने के संकल्प को मजबूत बनाते हैं.

पाकिस्तान हमेशा से ही खुद को आतंकवाद से पीडित बताता रहा है. लेकिन जानकारों का कहना है कि जिस तरह से पाक लगातार आतंकवाद को प्रश्रय देता रहता है उससे ये बात साफ है कि इसका खामियाजा उसे भुगतना ही पड़ेगा.

जाहिर है पाक भले ही आतंकवाद को कुचल देने का दावा कर रही हो लेकिन साफ है कि इस तरह के आतंकवादी हमले से निपटने से पहले पाक को अपनी जमीन पर पनप रहे तमाम संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करनी पडेगी और दूसरे देशों में आतंक फैलाना बंद करना होगा. भारत हमेशा से ही कहता रहा है कि अच्छे और बुरे आतंकवाद में भेद खत्म करना होगा तभी आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकेगा.



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