'मन की बात' का गोल्डन जुबली एपिसोड

3 अक्टूबर 2014 से शुरू हुआ लोक प्रसारण का ये अभूतपूर्व कारवां...'मन की बात' कार्यक्रम ने एपीसोड दर एपीसोड- लोकप्रियता के नए कीर्तिमान तो बनाए ही साथ ही ये समाज में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक भी बनता गया। पहले अंक में ही  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने  देशवासियों से अपील की कि वे कम से कम खादी के एक उत्पाद का प्रयोग करें। इस अपील का असर ये हुआ एक हफ्ते के अंदर ही खादी के उत्पादों की बिक्री में 120% का इज़ाफा हो गया। 

साल 2015 की जनवरी के अंतिम रविवार को प्रसारित 'मन की बात' कार्यक्रम पर देश ही नहीं पूरी दुनिया की नजर थी क्योंकि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक साथ अपने विचार साझा किए। दोनों नेताओं ने गरीबी खत्म करने, सभी को रोज़गार देने, आतंकवाद खत्म करने और दुनिया में शांति स्थापित करने की अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर से पूरी दुनिया के सामने रखा। 

अपने सफर में 'मन की बात' ने कई समाजिक मुद्दों को समाज के बीच चर्चा के केंद्र में ला खड़ा किया तो उस पर कदम उठाने को भी प्रेरित किया।

बच्चों ने प्रधानमंत्री के भरोसे के बाद अपने अभियान को अब आगे बढ़ाया है। देश की सरकार शासन से आगे बढ़कर लोगों की आकांक्षाओं की प्रतीक भी होती है। जहां ये संबंध भौतिक स्तर पर नज़र आता है, वहीं एक देश के चहुमुखी विकास के लिए भावनात्मक स्तर पर एकता ज़रूरी है। 

छत्तीसगढ़ के धमतरी की कुंवर बाई ने अपनी 10 बकरियां बेचकर अपने घर में शौचालय बनवाया। ये एक बड़े बलिदान की कहानी और स्वच्छता का संस्कार पहुंचाने की कहानी थी। मन की बात में जब ये कहानी दुनिया के सामने आई तो सब हैरान थे, और प्रेरित भी। 

मई 2015 के 'मन की बात' कार्यक्रम में देशवासियों को प्रधानमंत्री ने ये खुशखबरी भी दी कि पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का ऐलान किया। इसी तरह मई 2018 के प्रसारण में प्रधानमंत्री ने देश के नागरिकों को स्वस्थ बनाने के लिए उन्हें Fit India Challenge दिया जिसे अनेक हस्तियों समेत देशवासियों ने हाथों हाथ स्वीकार कर अपने वीडियोज भी शेयर किए। 

बदलाव और जनचेतना के इस कारवां ने कुछ ऐसे मुद्दों को छुआ जिसने जनआंदोलन का रूप ले लिया। 

'मन की बात' गवाह रहा है कि कैसे आम आदमी की आवाज़ सीधे जा पहुंची प्रधानमंत्री तक। विद्यार्थियों से संवाद हुआ तो, भविष्य के कर्णधारों को उन्होंने हौसला दिया। लोगों ने अपने सुझाव दिए तो अलग अलग मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी।

'मन की बात' में प्रधानमंत्री कभी शिक्षकों की बात करते हैं तो कभी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने की बात। सैनिकों के बलिदान को याद करते हैं तो देश के निर्माण में शामिल विभूतियों को नमन करते हैं। देश का शीर्ष नेतृत्व, जो उम्मीदों का प्रतीक है। जो भविष्य की दिशा तय कर सकता है, उसके लिए आम जनता का भरोसा, विकास की प्रक्रिया का एक अभिन्न हिस्सा हो जाता है। 

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा पीएम मोदी के 'मन की बात' ने देशवासियों के मन को छूआ है और उनसे प्रेरणा लेकर लोगों ने अपने जीवन को और सरल बनाया है।



from DDNews Feeds https://ift.tt/2zqq7IR

Comments

Popular posts from this blog

खेलो इंडिया युवा खेल का तीसरा चरण अगले साल गुवाहाटी में

IPL 2019: मुंबई से आज भिड़ेगी कोलकाता

Raj Rajeshwar Yoga: क्या आपकी कुंडली में है राज राजेश्वर योग?