आईएस मॉड्यूल में गिरफ़्तार आरोपियों को 12 दिन की रिमांड
राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि एनआईए ने आईएसआईएस से प्रेरित एक आतंकी मॉड्यूल के सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तार किए गए 10 लोगों को बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत के सामने पेश किया. इन लोगों पर राजनीतिक हस्तियों और दिल्ली में सरकारी प्रतिष्ठानों सहित उत्तर भारत के कई अन्य हिस्सों में हमले की साजिश रचने का आरोप है. इन आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच और ढके हुए चेहरों के साथ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे की अदालत में पेश किया गया. न्यायाधीश ने मामले में बंद कमरे में सुनवाई का आदेश दिया. एनआईए ने सभी 10 आरोपियों को पूछताछ के लिए 15 दिन की हिरासत में दिए जाने का अनुरोध किया और कहा कि पूरे मॉड्यूल का खुलासा करने के लिए उसे इनकी रिमांड चाहिए. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सभी आरोपियों को बारह दिन की पुलिस रिमांड में भेजने का आदेश दिया. कोर्ट ने आरोपियों के परिजनों को अदालत परिसर में मिलने की इजाजत भी दी.
एनआईए ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल, उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते के समन्वय से जाफराबाद के छह स्थानों, दिल्ली के सीलमपुर और उत्तर प्रदेश के 11 स्थानों- अमरोहा में छह, लखनऊ में दो, हापुड़ में दो और मेरठ में दो स्थानों पर छापे की कार्रवाई के बाद इन लोगों को गिरफ्तार किया था. एनआईए के अनुसार छापेमारी के दौरान देशी रॉकेट लांचर, आत्मघाती जैकेट का सामान और टाइम बम बनाने में प्रयुक्त होने वाली 112 अलार्म घड़ियां मिली हैं. सरकार ने इस कामयाबी के लिए जांच एजेंसियों की पीठ थपथपाई है.
जांच एजेंसियों के मुताबिक 'हरकत उल हर्ब ए इस्लाम' समूह का मास्टरमाइंड 29 वर्षीय मुफ्ती मोहम्मद सुहैल है, जो अमरोहा का रहने वाला है और एक मस्जिद में मौलवी है. इसके अलावा नोएडा के एक निजी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाला इंजीनियरिंग का छात्र, दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक के तीसरे वर्ष का छात्र और दो वेल्डर भी गिरफ्तार किए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने इसे बड़ी कामयाबी बताया है.
अब पुलिस को इन सभी आरोपियों की रिमांड मिल गई है और उम्मीद है कि पुलिस इन सभी से पूछताछ तक तमाम कड़ियों को जोड़ेगी और पूरी साजिश का पर्दाफाश करेगी.
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