बच्चों के लिए प्रेरणा बनें अभिभावक: पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के साथ कल सीधा संवाद किया। पीएम ने छात्रों से कहा कि वे अपना ध्‍यान पढ़ाई पर केन्द्रित रखें, समय का अच्‍छा प्रबंधन करें और तनाव को न पालें। नई दिल्‍ली में परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में देश-विदेश से आये लगभग दो हजार विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों से प्रधानमंत्री ने बात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को परीक्षा के नतीजे की चिंता किये बिना ज्ञान अर्जित करने पर ध्‍यान केन्द्रित करना चाहिए। उन्‍होंने सुझाव दिया कि परीक्षा को एक उत्‍सव समझकर उसका आनंद लेना चाहिए और जिंदगी को खुशहाल बनाना चाहिए। परीक्षा पर चर्चा का दूसरा संस्करण और प्रधानमंत्री ने बखूबी उन सभी सवालों का जवाब दिया जो अभिभावकों,छात्रों और शिक्षकों के मन में परीक्षा के ईर्द-गिर्द उठते रहते हैं। साथ ही उन्होने इस चर्चा का मक़सद भी स्पष्ट किया। 

सवाल अलीगढ़ विश्वविद्यालय से लेकर काशी हिन्दू विश्विद्यालय के छात्रों का....पठानकोट से लेकर इंफाल के छात्रों,शिक्षकों और अभिभावकों के शामिल थे। सबका विषय छात्रों को परीक्षाओं से बचाना और प्रधानमंत्री का लक्ष्य भी यही। लेकिन साथ ही प्रधानमंत्री का मक़सद जीवन को परीक्षाओं के दौर से कहीं बड़ा बनाना भी रहा। उनके कई जवाबों में मौलिक व्यवहार करने और लक्ष्य निर्धारित करने का आग्रह रहा। साथ ही एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि उनकी ख़ुद की प्रेरणा सभी भारतवासी हैं और यही बिना थके लगातार काम करते रहने की प्रेरणा भी। 

परीक्षा पे चर्चा का यह संस्करण कई मायनों में ख़ास था। इस बार इस चर्चा का दायरा देश के बाहर कई देशों तक था जिसमें विदेशों में रहने वाले भारतीय छात्रों ने भी शिरकत की है। इन देशों में सऊदी अरब, श्रीलंका, रूस, नाइजीरिया, ईरान, नेपाल, दोहा, कुवैत और सिंगापुर जैसे देश शामिल है। लेकिन सबसे ख़ास बात रही, छात्रों का जबरदस्त उत्साह। प्रधानमंत्री खुद भी इस कार्यक्रम के दौरान एक छात्र के जैसे ही छात्रों के साथ घुले-मिले। उन्होने छात्रों का अभिवादन स्वीकार किया और सेल्फी से भी इंनकार नहीं किया। 

प्रधानमंत्री ने परीक्षा चर्चा में कसौटी को अवसर बनाने पर ज़ोर दिया। उन्होने कहा कि जीवन निराशा के साथ नहीं आशाओं के सहारे जीना चाहिए। प्रधानमंत्री ने शिक्षकों,अभिभावकों और ख़ुद छात्रों से भी अपने सामर्थ्य की सही पहचान करने का मंत्र दिया। ख़ुद परीक्षा पर चर्चा संस्करण दो में वे एक छात्र के जैसे ही छात्रों के साथ घुले-मिले और उन्ही के रंग में रंगे सहज नज़र आए। उन्होने छात्रों का अभिवादन स्वीकार किया और सेल्फी से भी इंनकार नहीं किया। 



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