अंतरिम बजट आज होगा पेश

वित्त मंत्री पीयूष गोयल आज अंतरिम बजट पेश करेंगे जिसपर सभी लोगों की निगाहे लगी है । इस छोटे से बजट सत्र में कई महत्वपूर्ण विधाई कामकाज भी सरकार की प्राथमिकता में है लेकिन विपक्ष भी इस चुनावी साल में सरकार को घेरने का कोई मौका नही छोड़ना चाहेगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ ही गुरुवार से संसद के बजट सत्र का आग़ाज हो गया। एक तरफ नज़रें आम चुनाव से पहले पेश होने जा रहे अंतरिम बजट के प्रस्तावों पर लगी हैं तो नज़रें उन सियासी मुद्दों पर भी जो विपक्ष उठाना चाहेगा। 

ख़ास बात यह भी है कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सरकार अपना पांच बजट पेश करने के बाद अब अंतरिम बजट पेश करने जा रही है। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी सांसदों का आह्वान किया है कि वे संसद के बजट सत्र में सार्थक चर्चा करें। पीएम ने कहा कि देश के लोगों में जागरूकता है तथा सभी नागरिक सदन की कार्यवाही को गंभीरता से देखते हैं। 

संविधान में किए प्रावधानों के मुताबिक केन्द्र सरकार हर साल अपने कार्यकाल का वार्षिक लेखा-जोखा संसद में पेश करती है। इसके अलावा, संविधान के मुताबिक केन्द्र सरकार पूरे एक साल के अलावा आंशिक समय के लिए भी यह लेखा-जोखा संसद में पेश कर सकती है। यदि सरकार अपने राजस्व और खर्च का यह लेखा-जोखा कुछ महीने के लिए पेश करे तो उसे अंतरिम बजट या वोट ऑन अकाउंट की संज्ञा दी जाती है। अंतरिम बजट को लेखाअनुदान मांग और मिनी बजट भी कहते हैं। खासबात है कि जहां पूर्ण बजट में केन्द्र सरकार पूरे एक साल के राजस्व की स्थिति के साथ खर्च का ब्यौरा देती वहीं अंतरिम बजट के लिए संसद से अनुदान तिमाही या छमाही आधार पर ही लेती है। 

# सरकार आंशिक समय के लिए लाती है लेखा-जोखा का ब्यौरा

# कुछ महीनों के लिए लाया गया बजट कहलाता है अंतरिम बजट या वोट ऑन अकाउंट 

# अंतरिम बजट कहलाता है लेखानुदान मांग और मिनी बजट भी 

# पूर्ण बजट में एक वित्तीय वर्ष का राजस्व और खर्च का ब्यौरा 

# अंतरिम बजट तिमाही या छमाही अवधि के लिए ही

चुनावी वर्ष में यह और महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि सरकार अपने खर्च और राजस्व का ब्यौरा सिर्फ चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक सीमित रखती आई है। जिससे नई सरकार गठन होने के बाद वित्त वर्ष के बचे हुए समय के लिए वह अपना आम बजट लेकर आ सके। संसद का बजट सत्र 13 फरवरी तक चलेगा और यह वर्तमान सरकार के तहत संसद का अंतिम सत्र होगा। वित्त मंत्री पीयूष गोयल शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश करेंगे। 

सत्र के दौरान सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक, तीन तलाक विधेयक जैसे विधेयक को पारित कराने का प्रयास करेगी तो सरकार के एजेंडे में जन प्रतिनिधित्व संशोधन अधिनियम 2017, राष्ट्रीय मेडिकल काउंसिल विधेयक भी एजेंडे में है। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण विधेयक राज्यसभा में रुके हुए हैं । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने असम समेत पूर्वोत्तर के चार राज्यों में स्वायत्त परिषदों पर संविधान संशोधन को मंजूरी दी है और संभावना जताई जा रही है कि उसे भी इसी सत्र में पेश करने की है। 

इस बीच, गुरुवार को सरकार ने भी सर्वदलीय बैठक बुलाई, साथ ही भाजपा संसदीय दल कार्यकारिणी और उसके बाद एनडीए की बैठक हुई, तमाम बैठकों का मकसद लगभग एक ही रहा कि कैसे संसद के इस सत्र को ज्यादा ज्यादा उपयोगी बनाया जा सके। जानकारों का मानना है कि सरकार इसमें अपनी उपलब्धियों को सदन के माध्यम से देश के सामने रखने की कोशिश करेगी। वहीं संभावना है कि विपक्ष भी राफेल सहित कई मुद्दे रखना चाहेगी। 



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