रत्नों से बने शिवलिंग चमकाएंगे भाग्य, होगी लक्ष्मी की बरसात

नई दिल्ली। महाशिवरात्रि के संबंध में शास्त्रों का कथन है कि इस दिन कोटि सूर्य के समान तेजोमय शिवलिंग का उद्भव हुआ था। भगवान शिव एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनका पूजन सगुण और निर्गुण दोनों रूपों में किया जाता है। सगुण

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