राष्ट्रीय समर स्मारक का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने कल राष्ट्रीय समर स्मारक राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय समर स्मारक की लौ प्रज्जवलित करके इस स्मारक को राष्ट्र को समर्पित किया। ये लौ सदैव उन महान सैनिकों के सम्मान में प्रज्जवलित रहेगी जिन्होने देश के लिए प्राण न्यौछावर कर दिए। पीएम मोदी ने मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में पूर्व सैनिकों को संबोधित भी किया और कहा कि मौजूदा सरकार के लिए फैमली फर्स्ट नहीं है बल्कि इंडिया फर्स्ट है। प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों के लिए तीन सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने की भी घोषणा की।
भारतीय सेना के तीनों अंगों के प्रमुख,रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री की इस मौक़े पर अगुवाई की। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 3 परमवीरचक्र विजेताओं रिटायर्ड सूबेदार मेजर योगेन्द्र सिंह यादव,सूबेदार संजय कुमार और मानद कैप्टन बाना सिंह से मुलाक़ात की। इन सभी परमवीरचक्र विजेताओं की प्रतिमा "परम योद्धा स्थल" में भी स्थापित है। दरअसल राष्ट्रीय समर स्मारक में कुल 21 परमवीरचक्र विजेताओं की कांस्य की प्रतिमा वीरता के प्रतीक रूप और साहस की याद दिलाने के लिए लगाई गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय समर स्मारक की लौ प्रज्जवलित करके इस स्मारक को राष्ट्र को समर्पित किया। ये लौ सदैव उन महान सैनिकों के सम्मान में प्रज्जवलित रहेगी जिन्होने देश के लिए प्राणन्यौछावर कर दिए। राष्ट्रीय समर स्मारक को मुख्य रूप से चार चक्रो के डिजाइन में बनाया गया है। अमर चक्र एकदम केंद्रीय चक्र है और बीचो-बीच स्थित है ये अमरता का प्रतीक है| दूसरा वीरता चक्र का है जो बहादुरी की घटनाओं को चित्रित किए हुए वीरता का प्रतीक है। इसके बाद है त्याग चक्र है ये बलिदान को प्रदर्शित करता है। इसके बाद सबसे बाहरी चक्र को नाम दिया गया है रक्षक चक्र जो सुरक्षा को प्रदर्शित करता है|
यहां त्याग चक्र में 25 हज़ार 942 सैनिकों के नाम दर्ज़ किए गए हैं। ये वो सैनिक हैं जिन्होने आज़ादी के बाद देश की रक्षा करते हुए अपने आज को कुर्बान किया और शहादत दी। राष्ट्रीय समर स्मारक देशवासियों के लिए सैनिकों की ओर से एक संदेश है कि सीमाओं पर जब प्रहरी अडिग है तो देशवासी सुरक्षित हैं और ये कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से अपने शहीद जांबाज सैनिकों को एक विनम्र श्रद्धाजंलि भी।
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