करतारपुर गलियारे पर भारत का सख्त रुख

भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान से करतारपुर गलियारे पर पाकिस्तान द्वारा नियुक्त समिति में कई विवादास्पद नामों पर नाराजगी व्यक्त की है। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह करतारपुर साहिब गलियारे पर चर्चा के लिए अटारी में हुई पिछली बैठक में भारत द्वारा पेश किए गए अहम प्रस्तावों पर अपना रुख स्पष्ट करें। भारत ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान का जवाब मिलने के बाद किसी उचित समय पर गलियारे से जुड़े मामलों पर अगली बैठक तय की जायेगी। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने अपने यहां करतारपुर साहिब आने बाले श्रद्दालुओ के लिये एक 10 सदस्यीय कमेटी बनाई है जिसमें गोपाल सिंह चावला, तारा सिंह, मनिंदर सिंह बिशन सिंह और कुलजीत सिंह जैसे लोग शामिल है जो लंबे समय से भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे है। जिस वजह से भारत ने इन नामों पर कडी आपत्ति दर्ज कराई है।

गलियारे के लिए ढांचागत विकास को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए भारत ने मध्य-अप्रैल में तकनीकी विशेषज्ञों की एक और बैठक करने का प्रस्ताव रखा है ताकि ''जीरो प्वाइंट'' पर शेष मामलों को सुलझाया जा सके। भारत सरकार गलियारे के माध्यम से भारतीय तीर्थयात्रियों की सुरक्षित यात्रा के लिये लगातार प्रयासरत है। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि पाकिस्तान भारतीय तीर्थयात्रियों को सभी सुविधाए उपलब्ध कराये। भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट किया है कि करतारपुर साहिब गलियारे का इस्तेमाल भारत विरोधी किसी भी गतिविधी में न किया जाये। भारत ने कहा है कि वो करतारपुर साहिब गलियारे के सभी मुद्दो को जल्द निपटाने का इच्छुक है। पाकिस्तान भारतीय श्रद्दालुओं पर फीस लगाने की बात कर रहा है जबकि भारत ने कहा है कि ये धार्मिक यात्रा होगी ऐसी में बिना किसी शुल्क के पासपोर्ट के आधार पर ही भारतीयों को आने की अनुमति दी जाये। पाकिस्तान ने आम दिनों में 500 से 700 श्रद्दालुओ को करतारपुर साहिब आने की अनुमति दी है जबकि भारत चाहता है कि सामान्य दिनों में 5000 लोगों को अनुमति दी जायें और विशेष त्यौहार के दिनों पर 15,000 भारतीय श्रद्दालुओं को अनुमति दी जाये। भारत ने स्पष्ट किया है कि वो श्रद्दालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के लिये तैयार है लेकिन सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नही किया जायेगा।

गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान पिछले साल नवंबर में करतारपुर गलियारा बनाने को सहमत हुए थे। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी ने करतारपुर में अंतिम समय बिताया था। करतारपुर साहिब पाकिस्तान में पंजाब के नरोवाल जिले में है। रावी नदी के दूसरी ओर स्थित करतारपुर साहिब की डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से दूरी करीब चार किलोमीटर है।



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