शीर्ष न्यायालय की अवमानना पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मांगी माफी

रफाल विमान सौदे में सुप्रीम कोर्ट के हवाले से की गयी राहुल गांधी की टिप्पणी का मामला कांग्रेस अधयक्ष की मुश्किलें बढ़ाता दिख रहा है। अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हई, इस दौरान अदालत ने राहुल के द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे की भाषा पर नाराजगी व्यक्त की जिसके बाद राहुल गांधी के वकील को माफी मांगनी पड़ी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा "अब आप हमें कुछ कहने के लिए मजबूर कर रहे है। पिछ्ली सुनवाई पर हमने कुछ नहीं बोला। पर ये आपका दूसरा एफिडेविट है।आप सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर गलतबयानी भी कर रहे है और उसे जवाब में सही ठहराने की कोशिश भी कर रहे है"

कोर्ट ने कहा - हलफनामे में एक जगह कांग्रेस नेता ने अपनी गलती स्वीकार की है लेकिन एक अन्य जगह कोई भी अपमानजनक टिप्पणी करने से इंकार किया है। हमें यह समझने में बहुत अधिक दिक्कत हो रही है कि हलफनामे में आप कहना क्या चाहते हैं।''

उच्चतम न्यायालय की नाराजगी के बाद राहुल गांधी ने अपने वकील के माध्यम से स्वीकार किया कि इस टिप्पणी को शीर्ष अदालत के नाम से बताकर उन्होंने गलती की। राहुल के वकील ने कहा कि हलफनामे में प्रयुक्त खेद शब्द उन टिप्पणियों के लिये क्षमायाचना जैसा है जो गलत तरीके से शीर्ष अदालत के नाम से बतायी गयी थीं जबकि उसने ऐसा कभी कहा ही नहीं था। 

इसके बाद राहुल के वकील ने शीर्ष अदालत से एक और हलफनामा दाखिल करने की अनुमति मांगी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि राहुल चाहें तो अतिरिक्त हलफनामा दाखिल कर सकते हैं  लेकिन इसे स्वीकार करने का फैसला कोर्ट अगली सुनवाई पर 10 मई को लेगा। सुप्रीम कोर्ट के ताजा घटनाक्रम के बाद बीजेपी ने एक बार फिर राहुल गांधी पर हमला बोल दिया।

गौरतलब है कि मीनाक्षी लेखी ने राहुल की टिप्पणियों के लिये ही उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिये याचिका दायर की है। न्यायालय ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की याचिका की सुनवाई छह मई के लिये सूचीबद्ध कर दी।



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