जी-20 सम्मेलन का समापन, प्रधानमंत्री मोदी ने आपदा मुक्त भविष्य बनाने पर दिया ज़ोर

जापान के ओसाका में जी-20 सम्मेलन संपन्न हो गया।  जी-20 सम्मेलन के दूसरे दिन आज विश्व नेताओं ने असमानता, समावेशी और सतत विकास जैसे मु्द्दों पर विचार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान में तीन दिवसीय प्रवास के दौरान शिखर वार्ता के कई स्त्रों, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों में शिरकत की। प्रधानमंत्री ने जी-20 देशों से समावेशी विकास पर ज़ोर देने का आह्वान किया। 

सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास का मंत्र जी-20 में भी गूंजा। भारत ने सतत विकास, समग्र विकास और समावेशी विकास की अवधारणा को दुनिया के सामने रखा। 

दो दिवसीय जी-20 में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के किसी भी स्वरूप से लड़ने , जलवायु परिवर्तन के ख़तरे को कम करने, वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता और वैश्विक संस्थाओं में बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने के साथ-साथ सुधार में तेज़ी लाने की बात कही।
 
वहीं प्रधानमंत्री ने भविष्य में आपदा से निपटने की क्षमताओं को दुरुस्त करने पर जोर दिया।  उन्होने जी-20 देशों को उचित इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने में सहयोग करने की बात कही।

ब्यूनस आयर्स जी-20 सम्मेलन में भी प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए पहल की थी। उनका मानना है कि आपदा कि स्थिति में ग़रीब सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं। इसके अलावा उन्होने ओसका जी-20 के तीसरे सत्र में कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में पांच A - सुगम, वहन योग्य, उपयुक्त, ज़िम्मेदार, और अनुकूल योग्य के मंत्र के बारे में कहा कि भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी पहल की है। जो ग़रीबी उन्नमूलन और समानता भी लेकर आया है। भारत का आयुष और आयुषमान भारत की योजना वैश्विक मानकों के अनुरूप हैं। प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों से लड़ने के लिए भी सहयोग का आह्वान किया।

ओसाका जी-20 सम्मेलन में एक विशेष सत्र रहा महिला सशक्तिकरण का। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक विकास में भागीदारी के लिए महिलाओं के सामाजिक उत्थान की बात रखी। उन्होने इस मंच से बताया कि भारत ने पिछले 5 साल में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्वच्छत भारत अभियान, उज्जवला जैसी कई योजना के ज़रिए सामाजित सशक्तिकरण किया है तो वहीं मुद्रा योजना के ज़रिए महिलाओं की वित्तीय और आर्थिक भागीदारी को बढ़ाया है।  

जी-20 में एक सकारात्मक पहल सामने आई। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक जंग की तल्खी कम होने की उम्मीद जगी है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चीन-अमेरिका व्यापार वार्ता फिर शुरू करने के लिए राजी हो गए हैं। साथ ही कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ अमेरिका चीन के निर्यात पर नया शुल्क नहीं लगाने के लिए राजी हो गया है। वहीं रूस और ओपेक के अहम देश सउदी अरब के बीच जी-20 से इतर बैठक हुई। इसमें ओपेक कच्चा तेल उत्पादन की कटौती को जारी रखने पर सहमति बनी है।



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