उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2019 लोक सभा में पारित
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सेवा क्षेत्र को इसमें शामिल क्यों नहीं किया गया है? नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी ने आरोप लगाया कि सरकार सभी संस्थाओं को अपने नियंत्रण में लेना चाहती है और यह विधेयक भी उसी क्रम में लाया गया है।
भाजपा की अपराजिता सारंगी ने कहा कि अगर विधेयक को सही तरीके से लागू किया गया तो उपभोक्ताओं और उनके हितों के संरक्षण के लिए यह क्रांतिकारी होगा। आईयूएमएल के ई टी मोहम्मद बशीर ने विधेयक को स्वागत योग्य बताया लेकिन शिकायत निवारण प्रणाली को और मजबूत करने की बात कही।
अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने कहा कि उपभोक्ता विवाद निवारण प्रणाली के अध्यक्ष और सदस्यों की क्या कोई न्यायिक योग्यता होनी चाहिए, इस पर सरकार का क्या रुख है। आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने भी विधेयक और इसके पीछे की सोच को स्वागत योग्य बताया लेकिन नियुक्तियां आदि तय करने में केंद्र सरकार को अधिकार होने पर सवाल खड़ा किया।
चर्चा में भाजपा के गिरीश बापट, जनार्दन मिश्रा, वाईएसआर कांग्रेस के बी दुर्गाप्रसाद राव, तृणमूल कांग्रेस की प्रतिमा मंडल और अन्नाद्रमुक के पी रवींद्रनाथ कुमार ने भी भाग लिया।
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