अब होगा स्कूल का हर बच्चा फिट, मोबाइल एप के जरिए फिटनेस असेसमेंट
अब तो खेल और फिटनेस के प्रति लोगों को जागरूक करने और युवा बच्चों में खेल के प्रति आकर्षण पैदा करने के लिए हर स्कूल के फिजिकल ट्रेनिंग इसंट्रक्टर को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह कार्यक्रम खेलो इंडिया के तहत भारतीय खेल प्राधिकरण और सी.बी.एस.ई दोनों के द्वारा संचालित किया जा रहा है. बेहद कम उम्र में ही युवा एथलीटों की पहचान कर उन्हे भविष्य के ओलंपियन बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. खेल मंत्रालय के अधीन आने वाला भारतीय खेल प्राधिकरण की ओर से सी.बी.एस.ई बोर्ड के स्कूलों के साथ मिल कर बड़े पैमाने पर देश भर के स्कूलों में TOT यानि ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर और नेशनल फिटनेस असेसमेंट प्रोग्राम चलाया जा रहा है, जिसके तहत स्कूलों के पी.टी.आई को साई के ट्रेनर कोचिंग और फिटनेस की बारीकियां सिखा रहे है, जिससे संबधित स्कूलों के पी.टी.आई अपने स्कूलों में वैज्ञानिक तरीके से स्कूली बच्चों का फिटनेस असेसमेंट कर सके और अगर कोई बच्चा अनफिट है तो उसे पूरी तरह से फिट बनाया जा सके, जिससे वह बच्चा आगे चल कर न सिर्फ एक सफल इंसान बन सके बल्कि जिम्मेदार नागरिक बनकर देश के विकास में अपना योगदान दे सके. सी.बी.एस.ई के व्यावसायिक प्रशिक्षण के निदेशक डॉ.बिश्वजीत साहा के मुताबिक " बच्चों में समग्र विकास के लिए खेल बहुत जरूरी है,अगर बच्चा स्वस्थ है तभी वह आगे चलकर अपने जीवन में तरक्की करेगा".
खेल मंत्रालय ने एक मोबाइल एप भी बनाया है जिसके द्वारा स्कूली बच्चे अपनी फिटनेस का ध्यान रख सकेंगे. यह अपनी तरह का पहला एप है, जो खेलों और फिटनेस के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बना है. इस एप में देश भर में मौजूद खेल सुविधाओं के डेटा के बारे में पूरी जानकारी दी गई है. इस एप का एक खास फीचर बच्चों का फिटनेस असेसमेंट है. इससे भारत में स्कूल जाने वाले पांच साल और उससे अधिक उम्र के सभी बच्चों का बेसिक फिटनेस लेवल चेक किया जा सकता है. खेल प्राधिकरण ने 7 फिटनेस पैरामीटर्स तैयार किए है, जिनमें 1-बीएमआई, 2-स्पीड, 3-एंड्यूरेंस, 4-फ्लेक्सिबिलिटी, 5-कोरडिनेशन, 6-बैलेंस और 7-स्ट्रेंथ शामिल है. स्कूलों में बच्चों के लिए फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर द्वारा इन पैरामीर्टस को लागू करना अनिवार्य है, अगर कोई बच्चा फिट नही है, तो उसे फिट बनाने की पूरी जिम्मेदारी संबधित फिजिकल टीचर/ इंस्ट्रक्टर के साथ साथ बच्चों के माता-पिता की भी है. इस एप में बच्चों के माता-पिता/ अभिभावक को शामिल किया गया है. इस संबध में बीएलएस इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल सुषमा पूनिया का कहना है कि भारतीय खेल प्राधिकरण और सी.बी.एस.ई के इन प्रयासों से
स्कूलों में बच्चों की फिटनेस के प्रति पहले की अपेक्षा अब काफी जागरूकता आ गई है और अच्छी बात यह है कि यह योजना सरकारी, निजी और सहायता प्राप्त स्कूलों में एक साथ लागू की गई है.
(खेल संवाददाता अशोक मर्तोलिया की रिपोर्ट )
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