जालान समिति की हर 5 साल में आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा की सिफारिश

रिजर्व बैंक की बिमल जालान समिति ने संशोधित आर्थिक पूंजी नियम की हर पांच साल में समीक्षा करने की सिफारिश की है। इसी नियम के तहत आरबीआई ने 52637 करोड़ रुपये का अधिशेष सरकार को स्थानांतरित करने का फैसला किया है।

केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को समिति की रिपोर्ट जारी की। इसमें सिफारिश की गयी है कि आरबीआई वित्तीय वर्ष 2020-21 से लेखा वर्ष जुलाई-जून को वित्तीय वर्ष अप्रैल से मार्च के साथ समायोजित कर सकता है। आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड ने सोमवार को जालान के नेतृत्व वाली समिति की सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया।

जालान रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर हैं। आरबीआई के मौजूदा ईसीएफ की समीक्षा के लिए सरकार के साथ मशविरा कर रिजर्व बैंक ने समिति का गठन किया था। समिति ने 14 अगस्त को गवर्नर शक्तिकांत दास को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरबीआई की ओर से सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये का फंड ट्रांसफर किए जाने को आरबीआई कमेटी का फैसला बताया है। आरबीआई के फैसले पर कांग्रेस ने सरकार पर उठाए सवाल थे। वित्तमंत्री सीतारमण ने राहुल गांधी को उन्हें इस बारे में पहले अपने पूर्व के वित्त मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं से बात कर लेनी की सलाह दी।



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