करतारपुर गलियारे पर भारत-पाकिस्तान बैठक
करतारपुर गलियारा खोलने को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तकनीकी बैठक आज ‘जीरो प्वाइंट’ पर शुरू हो गई। इस बैठक में प्रत्येक पक्ष के 15 अधिकारियों का समूह हिस्सा ले रहा है। करतारपुर ‘जीरो प्वाइंट’ वह बिंदु है जहां गलियारे का भारतीय हिस्सा और पाकिस्तानी हिस्सा मिलेंगे। ये गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा तथा भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा मुक्त आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा। सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल अनुमति लेनी होगी। करतारपुर साहिब की स्थापना गुरू नानक देव ने 1522 में की थी। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान पांच अगस्त को हटा लिए और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है। करतारपुर गलियारे को लेकर पिछले कुछ महीनों में कई दौर की बैठकें हुई हैं जिनमें दोनों पक्षों के विशेषज्ञों ने प्रस्तावित क्रॉसिंग बिंदुओं के संरेखण, समन्वय और अन्य तकनीकी पहलुओं पर बात की है। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने जुलाई में अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान की ओर एक बैठक की थी जिसमें करतारपुर गलियारे के तौर-तरीकों पर बातचीत की गई थी।
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