दूसरा टेस्ट: भारत के खिलाफ वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी
पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज़ को चौथे दिन ही हार का दर्शन कराने वाली टीम इंडिया, दूसरे टेस्ट में भी कैरिबियाई टीम को नतमस्तक कर सीरीज़ को क्लीन स्विप करने के इरादे से किंग्सटन मैदान पर उतरी है। एंटीगा टेस्ट में टीम इंडिया केवल पहले दिन के शुरूआती सेशन में ही दबाव में दिखी थी लेकिन इसके बाद विराट की सेना ने ऐसा पलटवार किया कि वेस्टइंडीज़ को 318 रन से शिकस्त मिली। भारत की इस जीत में अजिंक्य रहाणे से लेकर रविंद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह का किरदार अहम रहा लेकिन सबसे बड़ी बात छोटी छोटी ज़रूरतों को पूरा करती टीम की यूनिट रही।
बल्लेबाज़ी हो या फिर गेंदबाज़ी दोनो में ही टीम के हर खिलाड़ी के योगदान ने जीत की मंज़िल को देखते ही देखते आसान बना दिया। ख़ासकर हनुमा विहारी का युवा जोश बेहद ख़ास रहा लेकिन इस सब के बीच में मध्यक्रम की रीढ़ चेतेश्वर पुजारा और सलामी बल्लेबाज़ मयंक अग्रवाल का ख़ामोश रहा बल्ला ज़रूर टीम मैनेजमेंट के मन में खटक गया। रिषभ पंत भी वैसे कुछ ख़ास नहीं कर पाए ऐसे में अनुभवी रिद्दीमान साहा के प्लेइंग इलेवन में बनती हुई तस्वीर दिख रही है। गेंदबाज़ी में सब कुछ परफेक्ट दिख रहा है ऐसे में यहां कोई बदलाव हो ऐसा लगता नहीं। जसप्रीत बुमराह की स्विंग के साथ ईशांत शर्मा और मोहम्मद शामी की धार वेस्टइंडीज़ के बल्लेबाज़ों के लिए आफत बनी हुई है।
वेस्टइंडीज़ की बात करे तो टीम एक यूनिट के तौर पर अपने खेल को मैदान पर नहीं उतार पा रही है।टीम के बल्लेबाज़ों की बल्लेबाज़ी में अनुभव की कमी साफ़ झलक रही है।गेंदबाज़ी में केमार रोच और शेनन गैब्रिएल ने कुछ हद तक प्रभावित किया है,वेस्टइंडीज़ की टीम संतुलित ज़रूर दिख रही है लेकिन सहीं तरीके से अपनी रणनीति को उतार नहीं पा रही टीम अगल सही फैसले और निरंतरता की कसौटी पर खुद को खरा उतारे तो ही टीम इस सीरीज़ में खुद को हार से बचा सकती है।
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