बैंको के एकीकरण का सरकार का बड़ा फैसला

अर्थव्यवस्था को और गति देने  के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को बार फिर मीडिया से मुखातिब हुईं और इस बार उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र को मजबूती देने के लिए तमाम कदमों का एलान किया। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के मामले में बड़ा कदम उठाते हुए 10 बैंकों को मिलाकर 4 बैंक बनाने का एलान किया है। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक के पंजाब नेशनल बैंक के साथ विलय की घोषणा की गयी है । केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का विलय कर दिया गया है । आंध्रा बैंक , कॉर्पोरेशन बैंक के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय की घोषणा की गयी है ।  इसके अलावा, इंडियन बैंक का इलाहाबाद बैंक में विलय कर दिया गया है ।

विलय के बाद सरकारी बैंक की संख्या 2017 के 27 बैंक से घटकर 12 रह जायेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि इन बैंकों के विलय के पीछे उद्देश्य देश में वैश्विक आकार के बड़े बैंकों का निर्माण करना है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले हफ्ते भी तमाम कदमों का एलान किया था और उसमें ज्यादातर ऐलान लागू होने लगे है। उन्होंने कहा कि एनबीएफसी कंपनियों के लिए आंशिक ऋण गारंटी योजना लागू हो गयी है। 3,300 करोड़ रुपये का पूंजी समर्थन दिया गया है और 30,000 करोड़ रुपये देने की तैयारी है।

वित्त मंत्री ने बैंकों में तमाम प्रशासनिक सुधार करने का भी लान किया। निर्मला सीतारमण ने ये भी कहा कि सरकार ने पिछले सालों में जो सुधार किए हैं उनसे न केवल बैंकों का ग्रास एनपीए कम हुआ है बल्कि 18 में से14 बैंक फायदे में आ गए हैं। वित्त मंत्री के आज के तमाम एलान का मकसद न केवल बैंकिंग व्यवस्था को मजबूत बनाना है बल्कि  5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की दिशा में आगे बढ़ना है।



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