बिहार में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
बिहार में पिछले 48 घंटे से भी अधिक समय से जारी मूसलाधार वर्षा के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है। पटना, नवादा, वैशाली, भागलपुर, पूर्णिया और गया जिलों में स्थिति अधिक गंभीर है। निचले इलाकों में पानी भर गया है। रेल पटरियों पर पानी आ जाने से रेल यातायात बाधित हुआ है। कई रेलगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं और कई के मार्ग बदले गए हैं।
सड़क और हवाई यातायात भी बाधित हुआ है। अगले 48 घंटों में भी भारी वर्षा की आशंका देखते हुए 15 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। बारिश की वजह से गंगा नदी का प्रचंड रूप देखने को मिल रहा है। पटना के विभिन्न क्षेत्रों सहित मुंगेर और भागलपुर में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि बागमती नदी सीतामढ़ी के ढेंग और डूबाधार में और मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कमला बलान भी उफान पर है।
कमला बलान खगड़िया और मधुबनी में खतरे के लाल निशान के ऊपर बह रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों के मुताबिक नेपाल के बारिश का पानी बिहार में आने के बाद कई और नदियों में उफान आने की आशंका बनी हुई है। इस बीच, आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
नवादा में मुसलाधार बारिश से जनजीवन खासा प्रभावित हुआ है। नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। कई ईलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। नवादा जिले के सकरी, खुरी, तिलैया, पंचाने और ढ़ाढर नदियों में बाढ़ आ गई है। बाढ़ के कारण जिले के करीब 200 गांवों का संपर्क भंग हो गया है। बाढ़ के पानी की वजह से बोधगया-राजगीर पथ का संपर्क टूटा चुका है।
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