देश आज मना रहा है संविधान दिवस, संविधान को अंगीकार करने के 70 साल पूरे

हमारा संविधान, हमारी पहचान.. हमारा संविधान देश की आन, बान और शान...जी हां हमारे इसी संविधान को अपनाने के 70 साल पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर देश अपने संविधान निर्माताओं को नमन कर रहा है। संविधान को अंगीकार करने के 70 वर्ष पूरा होने के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आयोजित हुआ। लोकसभा एवं राज्यसभा की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला  ने संबोधित किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस मौके पर  कहा कि देश में हर प्रकार की परिस्थिति का सामना करने के लिए संविधान सम्मत रास्ते उपलब्ध हैं और ''इसलिये संविधान की मर्यादा, गरिमा और नैतिकता के अनुरूप काम करें।'

राष्ट्रपति कहा कि वर्तमान समय में हम सभी को संवैधानिक मूल्यों, ईमानदारी को अपनाते हुए भय, प्रलोभन, पक्षपात, राग द्वेष एवं भेदभाव से मुक्त रहकर काम करने की आवश्यकता है। उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ''भारतीय संसदीय लोकतंत्र में राज्यसभा की भूमिका'' नामक पुस्तक को जारी किया और इसकी पहली प्रति राष्ट्रपति कोविंद को भेंट की। उपराष्ट्रपति ने देश के नागरिकों का आह्वान किया कि यदि वे प्रतिबद्धता के साथ अपने दायित्वों को निभायें तथा राष्ट्रीय उद्देश्यों एवं संवैधानिक मूल्यों के प्रति संकल्पबद्ध रहें तो देश का तेजी से विकास हो सकता है और यह अधिक परिपक्व लोकतंत्र बन सकता है।

संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय संविधान ने दो मंत्रों ''भारतीयों के लिए गरिमा'' और ''भारत की एकता'' को साकार किया है। उन्होंने भारतीय नागरिकों का आह्वान किया, ''हम सब देश के नव नागरिक और नेक नागरिक बनें।''

प्रधानमंत्री ने कहा, '' हमारे संविधान की मजबूती के कारण ही हम 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की तरफ आगे बढ़ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान अधिकारों के प्रति सजग एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाता है, ऐसे में हमें नागरिक के तौर पर अधिकारों एवं कर्तव्यों में संतुलन बनाना होगा।

उन्होंने कहा कि अधिकारों और कर्तव्यों के बीच के इस रिश्ते और इस संतुलन को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बखूबी समझा था। आज जब देश पूज्य बापू की 150वीं जयंती का पर्व मना रहा है तो उनकी बातें और भी प्रासांगिक हो जाती हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संविधान में जहां एक तरफ मौलिक अधिकारों के रूप में हमें पर्याप्त स्वतंत्रता और शक्तियां दी गई हैं, वहीं दूसरी तरफ संतुलन बनाते हुए मौलिक कर्तव्यों का निर्देश करके हमें अनुशासित भी किया है। 

राष्ट्रपति  ने संविधान दिवस के अवसर पर 250 रुपये के स्मारक सिक्के और एक विशेष डाक टिकट को जारी किया। यह सिक्का 40 ग्राम वजनी और 44 मिलीमीटर परिधि का है। इसमें अशोक स्तंभ और संसद भवन के चित्रों के साथ ही गांधीजी की तस्वीर है और सत्यमेव जयते लिखा है वृत्ताकार डाक टिकट पर संसद के स्थापत्य की जालीनुमा आकृतियों और संसद भवन का चित्र है। इस मौके पर राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय युवा संसद योजना के पोर्टल और संसद भवन के पुस्तकालय में आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। प्रदर्शनी में संविधान के निर्माण से लेकर उसके 70 साल की यात्रा की जानकारी जनप्रतिनिधि एवं अन्य लोग उठा सकेंगे। राष्ट्रपति कोविंद ने लोकसभा का 2020 का कलैंडर भी इस मौके पर जारी किया।

भारत का संविधान देश के प्रत्येक नागरिक के अधिकारों और सम्मान की रक्षा करता है। हम सबको संविधान के आदर्शों को कायम रखने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की  प्रतिबद्धता  दिखानी होगी।



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