महाराष्ट्र के मसले पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा

महाराष्ट्र के मामले में जारी सियासी घमासान की गूंज सोमवार को संसद के दोनों सदनों में सुनाई दी। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विपक्ष ने इस मसले पर जमकर हंगामा किया जिसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित करनी पडी।

सबसे पहले बात लोकसभा की करें तो निचले सदन में सुबह ग्यारह बजे से ही हंगामा शुरु हो गया ।लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होते ही कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते और पोस्टर लिए हुए आसन के निकट पहुंच गए।  स्पीकर ओम बिरला ने   पोस्टर और बैनर लहरा रहे  सदस्यों को ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी।  सदस्यों के नहीं मानने पर स्पीकर ने मार्शलों को दोनों कांग्रेस सदस्यों को सदन से बाहर करने का आदेश दिया। इसके बाद मार्शल इन दोनों सदस्यों को सदन से बाहर ले जाने के लिए पहुंचे तो वहां धक्कामुक्की हो गयी जिस पर सदस्यों ने  बीच-बचाव किया ।  हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे सदन फिर शुरु होने के साथ ही पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सभा की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दो बजे भी  विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे और पोस्टर लहराने लगे जिसके बाद सदन को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
 
हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कराधान विधि संशोधन विधेयक 2019 पेश किया। साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण विधेयक 2019 भी पेश किया।  पोत परिवहन मंत्री मनसुख एल मांडविया ने पोत पुनर्चक्रण विधेयक 2019 पेश किया। लोकसभा में विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम में संशोधन विधेयक पेश किया गया।

सदन में हुए हंगामे के बाद कांग्रेस ने  मार्शलों पर पार्टी की दो महिला सांसदों के साथ धक्कामुक्की का आरोप लगाया और स्पीकर से शिकायत की। वहीं बीजेपी  ने कांग्रेस सांसदों के आचरण की आलोचना करते हुए कहा कि सभी दलों को संसद की पवित्रता और महान परंपरा को बनाने रखने के लिये साथ आना चाहिए।

स्पीकर ओम बिरला ने भी कांग्रेस सांसदों के व्यवहार पर दुख जताया और कहा कि ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बात राज्यसभा की करें तो  वहां भी विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाए। सभापति ने कहा कि महाराष्ट्र मुद्दा अदालत में विचाराधीन है इसलिए उन्होंने चर्चा का नोटिस अस्वीकार किया है।
 
हंगामे के बीच अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया और आरोप लगाया कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना महाराष्ट्र में जुगाड़ के जरिये लोकतंत्र का अपहरण करने की कोशिश कर रही हैं।''

हंगामे के कारण करीब दस मिनट बाद ही सदन दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दो बजे सदन दोबारा शुरु होने पर हंगामा जारी रहा और कार्यवाही मंगलवार  तक के लिए स्थगित हो गयी। 
 



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