पीएम मोदी की लोगों से स्थानीय उत्पाद ख़रीदने की अपील

2019 के आखिरी मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने लोगों से स्थानीय उत्पादों को खरीदने का आग्रह किया। पीएम ने 2022 में आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर देशवासियों से दो-तीन साल के लिए स्थानीय उत्पादों को खरीदने की गुजारिश की। 

पीएम मोदी ने कहा कि 2022, आज़ादी के 75 वर्ष हो रहे हैं, कम-से-कम, ये दो-तीन साल, हम स्थानीय उत्पाद खरीदने के आग्रही बनें? भारत में बना, हमारे देशवासियों के हाथों से बना, हमारे देशवासियों के पसीने की जिसमें महक हो, ऐसी चीजों को, हम, खरीद करने का आग्रह कर सकते हैं क्या ? मैं लम्बे समय के लिए नहीं कहता हूँ, सिर्फ 2022 तक, आज़ादी के 75 साल हो तब तक। और ये काम, सरकारी नहीं होना चाहिए, स्थान-स्थान पर नौजवान आगे आएं, छोटे-छोटे संगठन बनायें, लोगों को प्रेरित करें, समझाएं और तय करें - आओ, हम लोकल खरीदेंगे, स्थानीय उत्पादों पर बल देंगे, देशवासियों के पसीने की जिसमें महक हो - वही, मेरे आज़ाद भारत का सुहाना पल हो, इन सपनों को लेकर के हम चलें ।
 
पीएम ने मन की बात कार्यक्रम के संबोधन में नागरिकों के आत्मनिर्भर बनाने जैसे हिमायत प्रोग्राम को प्रमुखता से उठाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमायत प्रोग्राम के जरिए आत्मनिर्भर बने लोगों के जीवन की कहानियां सचमुच ह्रदय को छू लेती हैं । 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं एक ऐसे पहल की चर्चा करना चाहूँगा जिसने मेरा ध्यान खींचा और वो पहल है, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का हिमायत प्रोग्राम । हिमायत दरअसल Skill Development और रोज़गार से जुड़ा है । इसमें, 15 से 35 वर्ष तक के किशोर और युवा शामिल होते हैं । ये, जम्मू-कश्मीर के वे लोग हैं, जिनकी पढाई, किसी कारण, पूरी नहीं हो पाई, जिन्हें, बीच में ही स्कूल-कॉलेज छोड़ना पड़ा । आपको जानकर के बहुत अच्छा लगेगा, कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत, पिछले दो सालों में, अठारह हज़ार युवाओं को, 77 (seventy seven), अलग-अलग ट्रेड में प्रशिक्षण दिया गया है । इनमें से, क़रीब पाँच हज़ार लोग तो, कहीं-न-कहीं job कर रहे हैं, और बहुत सारे, स्व-रोजगार की ओर आगे बढे हैं । हिमायत प्रोग्राम से अपना जीवन बदलने वाले इन लोगों की जो कहानियां सुनने को मिली हैं, वे सचमुच ह्रदय को छू लेती हैं !।
 

हिमायत प्रोग्राम जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख क्षेत्र के निवासियों के लिए सुनहरा अवसर बनकर उभरा है। इस कार्यक्रम के जरिए लाखों लोगों को स्वरोजगार मिला है और वो आत्मनिर्भर बने है। पीएम ने तमिलनाडु के परवीन फ़ातिमा और फियाज़ के आत्मनिर्भर बनने की कहानी को भी अपने मन की बात कार्यक्रम में साझा किया। 

पीएम मोदी ने कहा कि परवीन फ़ातिमा, तमिलनाडु के त्रिपुर की एक Garment Unit में promotion के बाद Supervisor-cum-Coordinator बनी हैं । एक साल पहले तक, वो, करगिल के एक छोटे से गाँव में रह रही थी । आज उसके जीवन में एक बड़ा बदलाव आया, आत्मविश्वास आया - वह आत्मनिर्भर हुई है और अपने पूरे परिवार के लिए भी आर्थिक तरक्की का अवसर लेकर आई है । परवीन फ़ातिमा की तरह ही, हिमायत प्रोग्राम ने, लेह-लद्दाख क्षेत्र के निवासी, अन्य बेटियों का भी भाग्य बदला है और ये सभी आज तमिलनाडु की उसी फार्म में काम कर रहे  हैं।

हिमायत मिशन जम्मू-कश्मीर समेत लेह-लद्दाख के लोगों के जीवन में विकास और परिवर्तन की नयी बयार लेकर आया है। इस कार्यक्रम ने लोगों को जीवन जीने का नया जरीया दिया, उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया है। हिमायत कार्यक्रम, सरकार, ट्रैनिंग पार्टनर , नौकरी देने वाली कम्पनियाँ और जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच एक बेहतरीन तालमेल का आदर्श उदाहरण है।



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