राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी का पलटवार
संशोधित नागरिकता कानून के मसले पर देश भर में विरोध और समर्थन का सिलसिला जारी है । शुरुआती विरोध के बाद अब देश के बडे हिस्से में नए कानून के पक्ष में जोरदार प्रदर्शन हो रहा है । देश के अलग अलग हिस्सों में कानून के समर्थन में रैलियां और प्रदर्शन हो रहे हैं जिसमें बडी संख्या में लोग हिस्सा ले रहे हैं । कानून के समर्थकों का कहना है कि इसके प्रावधानों में कुछ भी गलत नहीं है और इस पर भ्रम फैलाना गलत है। मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में एक रैली निकली जो गिरगांव चौपाटी पर जाकर समाप्त हुई । रैली में समाज के हर वर्ग के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए और नए कानून के समर्थन में अपनी बात रखी।
इस बीच केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर संशोधित नागरिकता कानून पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी साबित करें करे कि कानून में कहां लिखा है कि कि उसमें किसी की नागरिकता छीनने का प्रावधान है । बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी लोगों से अफवाहों से दूर रहने कहा है।
उधर दिल्ली में बीजेपी ने एक प्रेस कॉफ्रेंस करके एनपीआर को गरीबों पर टैक्स बताने वाले राहुल गांधी के बयान पर जोरदार हमला बोला और उनसे माफी की मांग की। बीजेपी की ओर से तमाम केंद्र सरकार के तमाम मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता देश के अलग अलग शहरों में जाकर प्रेस कांफ्रेस करके न केवल जनता को सीएमए , एनआरसी और एनपीआर से जुडे मसलों पर समझा रहे हैं बल्कि उन्हें अफवाहों से दूर रहने की भी अपील कर रहे हैं।
सीएए के मसले पर देश के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी हुए। हालांकि आम तौर पर सभी राज्यों में ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण ही रहे । यूपी में शुक्रवार को पुलिस ने खास चौकसी बरती। वहीं असम की बात करें तो वहां स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है । राज्य में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में बीजेपी ने राज्य कई हिस्सों में रैली निकाल कर लोगों को शांति और भाईचारे का संदेश दिया।
राजधानी गुवाहाटी में रैली निकाली गई। वहीं मोरीगांव ज़िला के जगिरोड में आयोजित रैली की अगुवाई हेमंत बिस्वा शर्मा ने किया। बाद में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और कई विधायकों और सांसदों ने इस रैली में शिरकत की। 4 किलोमीटर लंबी रैली में भारी भीड़ उमड़ी। रैली को संबोधित करते हुए सर्बानंद सोनोवाल ने राज्य की संस्कृति और मूल निवासियों की पहचान की रक्षा का संकल्प जताया। जाहिर है इन तमाम रैलियों और प्रेस कांफ्रेस के जरिए सरकार की कोशिश नए कानून पर फैले भ्रम को दूर कर जनता में विश्वास पैदा करना है ।
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