वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लॉन्च की बुनियादी ढांचा विकास कार्ययोजना
ढांचागत परियोजनाओं में निवेश को बढ़ावा देने के सरकार के संकल्प पर जोर देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ऐसा खाका रखा जो अर्थव्यवस्था को तेज़ी देगा। इसके तहत पांच साल में 102 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे जिन्हें 2025 तक ख़र्च करना है। इन सबका लक्ष्य ईज़ ऑफ लिंविंग ईज़ ऑफ डूईंग बिजनेस को बढ़ावा देना है।
वित्त मंत्री ने जो रूपरेखा रखी इसके तहत :
- आधारभूत संरचना के लिए रूपरेखा
- 102 लाख करोड़ रु. की इन्फ्रा परियोजनाएं पर काम होना है जिनमें से
- 3 लाख करोड़ रु. के प्रोजेक्ट की रूपरेखा पर काम जारी है और
- अगले कुछ हफ्तों में 105 लाख करोड़ रु. का ब्लूप्रिंट भी सामने होगा।
वहीं नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन का ढांचे के लिए :
- 24.54 लाख करोड़ रु. के प्रोजेक्ट ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े हुए काम शामिल हैं इसके अलावा
- सड़क परियोजनाओं में 19.6 लाख करोड़ रु. का निवेश भी होगा।
- रेलवे परियोजनाओं में 13.6 लाख करोड़ के निवेश की तैयारी और
- शहरी विकास की परियोजनाओं (स्मार्ट सिटी सहित) में 16.29 लाख करोड़ रु.
- ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे पर 7.72 लाख करोड़ रु. होंगे ख़र्च और
- शिक्षा,स्वास्थ्य, पर्यटन और खेलकूद के बुनियादी ढांचे पर 3.56 लाख करोड़ रु. का निवेश होगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि परियोजनाओं की निगरानी के लिए विशेष तंत्र का निर्माण और तय वक्त में कार्ययोजनाएं पूरी करने के लिए सरकार का विशेष ज़ोर होगा। इन परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार 39-39 फीसदी और निजी क्षेत्र की 22 फीसदी की सहभागिता होगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने 2020 में ग्लोबल इंवेस्टर समिट करने का फैसला किया है जिसमें सभी राज्य हिस्सा ले सकते हैं। निवेशकों से मिलने का मौक़ा मिलेगा। गौरतलब है कि प्रधानममंत्री बुनियादी ढांचों की परियोजनाओं की प्रगति बैठक के ज़रिए करते रहे हैं।
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