पीएम मोदी ने चित्रकूट में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का किया शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चित्रकूट के गोंडा गांव में आयोजित कार्यक्रम में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी. ये 296 किमी लंबा होगा और इसे लगभग 14 हज़ार करोड़ से ज़्यादा की अनुमानित लागत से पूरा किया जाएगा. एक्सप्रेस-वे चित्रकूट जिले के भरतकूप क्षेत्र से शुरू होकर बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया के बाद इटावा में कुदरैल गांव के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा. इसे चार से छह लेन का बनाया जाएगा.

प्रधानमंत्री ने यहां किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत का पहला साल पूरा होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में भी शिरकत की. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने 10 हजार नए किसान उत्पादक संगठनों की शुरुआत की. किसानों की आर्थिक हालात को सुधारने के लिए ये एक बड़ी पहल मानी जा रही है. इससे किसानों को तकनीकी, वित्तीय सहयोग एवं बाजार पहुंच सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.

मोल-भाव से लेकर उत्पादों की बिक्री करने तक अगर किसानों की सामूहिक ताक़त लगे तो तस्वीर का रंग ही अलग नज़र आएगा. कहा भी जाता है अकेले से दो भले. इसी आधार पर टिका है एफपीओ यानि किसान उत्पादक संगठन. ऐसे छोटे-छोटे समूह जो गांव-पंचायत-ब्लॉक स्तर पर काम करेंगे. संगठन से जुड़े किसानों के लिए ये सस्ते दाम पर बीज-खाद की खरीदी करने से लेकर कृषि उपजों को बाज़ार में अच्छे दामों पर बेचने की ज़िम्मेदारी भी निभाएंगे. यानि किसानों की सामूहिक ताकत सब जगह नज़र आएगी.

खरीद-बिक्री से आगे सिलसिला कृषि आधारित उत्पाद बनाने का होगा. जिससे कुटीर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और ग्राम स्वराज हकीकत में तब्दील होगा. प्रधानमंत्री ने चित्रकूट में एक ऐसी ही प्रदर्शिनी देखी, जिसमें कई एफपीओ सफ़लता की मिशाल पेश कर रहे हैं.

इनकी तरक्की से प्रधानमंत्री भी खासे प्रभावित हुए और 10 हज़ार किसान उत्पादक संगठनों को लॉन्च किया.

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में साल 2014 के बाद सॉयल हेल्थ कार्ड, ई-नैम, फसल बीमा, किसान सम्मान निधि और फिर सभी तक वित्तीय सहायता पहुंचाने के लिए योजनाएं शुरू की गईं. सरकार ने एक तरफ़ सिंचाई और खाद जैसी बुनियादी ज़रूरतों को सुनिश्चित किया, तो वहीं गोदाम और फूड प्रोसेसिंग जैसी संरचनाओं को भी खड़ा किया. सस्ती दरों पर कर्ज़ मुहैया कराने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के कवर को बढ़ाने के प्रयास में ही प्रधानमंत्री ने किसानों को कार्ड वितरित किए. इस नए अभियान के तहत लक्ष्य किसान सम्मान निधि से जुड़े सभी किसानों को केसीसी से जोड़ने का है, ताकि उन्हें बीमा कवरेज भी मिल सके.

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए ही सरकार ने बजट में 16 सूत्रीय कार्यक्रम की घोषणा की. जिससे नए इंफ्रा तैयार तैयार होंगे. वहीं पिछले एक साल में सम्मान निधि योजना के ज़रिए सरकार ने 8.5 करोड़ किसानों के खाते में सीधे 50 हज़ार करोड़ की रकम ट्रांसफर की है.

सरकार का संकल्प है कि किसानों की हर मुमकिन सहायता बिना भेद-भाव और भ्रष्टाचार रहित की जा सके.



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