जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय कानूनों को अपनाने का आदेश जारी करने को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्यसभा की चयन समिति की सिफारिशों को शामिल करने के बाद सरोगेसी विनियमन विधेयक को मंजूरी दे दी। इस बिल में कहा गया है कि सरोगेसी की सुविधा केवल उन्हीं भारतीय जोड़ों के लिए उपलब्ध होगी जिनके लिए चिकित्सकीय रूप से यह जरूरी है।
संसदीय पैनल ने सिफारिश की थी कि न केवल करीबी रिश्तेदार बल्कि इसके लिए इच्छुक किसी भी महिला को सरोगेट के रूप में काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
इसके अलावा आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 1,480 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन के निर्माण को मंजूरी दे दी है, जिसमें देश को तकनीकी वस्त्रों में दुनिया में अग्रणी बनाया जा सके। तकनीकी कपड़ों का इस्तेमाल कृषि, रेलवे ट्रैक, स्पोर्ट्सवियर, बुलेट प्रूफ जैकेट, फायर प्रूफ जैकेट और अंतरिक्ष यात्रा के लिए किया जाता है। राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन कौशल प्रशिक्षण और शिक्षा के अलावा अनुसंधान, नवाचार और विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।
इसके लिए कपड़ा मंत्रालय में इस क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित विशेषज्ञ की अध्यक्षता में एक मिशन निदेशालय चलाया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने आरक्षण और सतर्कता नीतियों को छोड़कर, सार्वजनिक उद्यम दिशानिर्देशों के विभाग से इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) को छूट देने को भी मंजूरी दी। आईपीजीएल ईरान के चाबहार के शहीद बेहस्थी बंदरगाह का विकास और प्रबंधन कर रहा है जो भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
वीओ-3- इसके साथ ही कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 96 के तहत केंद्रीय अधिनियमों को लागू करने के लिए एक आदेश जारी करने को मंजूरी दी है। जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में असरदार प्रशासन और जरूरी बदलाव लाने के लिए यह जरूरी है कि केंद्रीय कानूनों को वहाँ लागू किया जाए। इसके लिए जरूरी संशोधन करने पर भारतीय संविधान में शामिल समवर्ती सूची के विषयों को वहाँ पर लागू करने का रास्ता साफ हो पाएगा।
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