इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग संकट के बीच पैदा हुए नए अवसरों की खोज करें: सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री
केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग से संकट के चलते पैदा हुए नये अवसरों की खोज और देश को इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण के वैश्विक हब के रूप में स्थापित करने का आह्वान किया. इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के संगठनों, चैम्बरों और प्रमुख उद्योगपतियों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने वैश्विक निवेश को आकर्षित करने और सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए वर्तमान अवसरों और मंत्रालय द्वारा अधिसूचित योजनाओं का लाभ उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि यह परिस्थितियों को पूरी तरह बदल देने वाला समय है।
मंत्रालय के अधिकारियों ने देश में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति और आरोग्य सेतु प्लेटफॉर्म के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने मोबाइल उद्योग को देश में लगभग 8 करोड़ मोबाइल फोन तक आरोग्य सेतु ऐप को पहुंचाने में सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया। बैठक के दौरान अल्पावधि, मध्यावधि और दीर्घावधि परिप्रेक्ष्य में मंत्रालय द्वारा कोविड-19 के प्रभाव को कम करने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में बताया गया। यह भी उल्लेख किया गया कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश जैसे भारी जोखिम वाले क्षेत्रों में स्थित होने के कारण प्रमुख इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण क्लस्टरों को स्थानीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों ने इलेक्ट्रॉनिकी उद्योग के लिए नई योजनाएं और कोविड-19 के लिए एसओपी दिशानिर्देश निर्धारित करने में सहायता देने पर उद्योग की तरफ से मिले सहयोग की सराहना की।
केन्द्रीय मंत्री ने उद्योग को अवगत कराया कि आवश्यक वस्तुओं की परिभाषा का दायरा बढ़ाते हुए गृह मंत्रालय से इसमें आईसीटी उत्पादों, आवश्यक आईसीटी वस्तुओं की खुदरा/ऑनलाइन बिक्री, आवश्यक आईसीटी वस्तुओं की अधिकृत बिक्री और सेवाओं को शामिल करने का अनुरोध किया गया है । भारत सरकार इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एमईआईटीवाई की नई अधिसूचित योजनाओं के तहत ईएसडीएम उद्योग के लिए 50,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आरोग्य सेतु, आधार, डिजिटल भुगतान आदि एमईआईटीवाई की पहलों ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने इलेक्ट्रॉनिकी प्रणाली डिजाइन एंड विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्र में वैश्विक अवसर हासिल करने के लिए "रिस्टार्ट, रिस्टोर एंड रिसर्जेंस" (पुनः आरंभ, पुनः स्थापना और पुनरुत्थान) मॉडल प्रस्तुत किया। अधिकांश प्रतिभागियों ने इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण क्षेत्र को सहयोग देने के लिए एमईआईटीवाई की नई तीन योजनाओं अर्थात पीएलआई, स्पेक्स और ईएमसी2.0 की सराहना की। उद्योग ने कोविड-19 के कारण कारखानों के कामकाज, लॉजिस्टिक्स, निर्यात, आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने और मांग में कमी से संबंधित विभिन्न मुद्दों को उठाया।
केन्द्रीय मंत्री ने मंत्रालय के अधिकारियों को उद्योग को पूर्ण सहयोग देने और इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण सुविधाओं को फिर से खोलने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से संपर्क करने के निर्देश दिए।
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