कोरोना से लड़ती मोदी सरकार की योजनाएं

1- जन धन योजना

भारत में जब से  लॉकडाउन लगाया गया था. तभी से परिवहन, रेल, बस, उद्योग धंधे सब बंद हैं. अब इस लॉकडाउन को  3 मई तक बढ़ा दिया गया है. ऐसे में मोदी सरकार द्वारा, 2014 में शुरू की गई जन धन योजना सबसे अहम और महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. जन धन योजना के तहत मजदूरों, किसानों और गरीब महिलाओं के खाते फ्री में खुलाए गए थे. अब लॉकडाउन के वक्त इन्हीं खातों में पैसे डालकर लोगों की मदद की जा रही है. राहत पैकेज में भारत सरकार ने महिलाओं के खातों में तीन महीनों तक 500-500 रुपए डालने का ऐलान किया था. इसके तहत देश की  20.4 करोड़ महिलाओं को मदद दी जानी है. अभी तक अधिकांश महिलाओं के खाते में पैसा पहुंच गया है.ग्रामीण इलाकों में जन धन योजना एक लाइफलाइन की तरह उभरी है. किसी ने उस समय कल्पना भी नहीं की होगी कि देश पर किसी संकट के समय कितनी बड़ी भूमिका ये योजना निभा सकती है.

2  आयुष्मान भारत

साल 2018 में मोदी सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत गरीब लोगों को सालाना 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाया जाता है. कोरोना  संकट के समय आयुष्मान योजना काफी अहम मानी जा रही है. सरकार ने  कोरोना वायरस के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए  आयुष्मान भारत के तहत कोरोनावायरस का टेस्ट और इलाज फ्री में कराने का ऐलान किया है. सरकार का मानना है कि इससे करीब 50 करोड़ नागरिकों को सीधा फायदा होगा. आयुष्मान योजना से जुड़े लाभार्थी अब प्राइवेट अस्पताल में कोरोना वायरस की जांच और इलाज करा पाएंगे. इलाज में ही किसी गरीब का सबसे ज्यादा पैसा खर्च होता है कोरोना महामारी में तो उसके लिए आयुष्मान योजना किसी वरदान से कम नहीं है.

3 उज्जवला योजना

सरकार ने आर्थिक पैकेज में तीन महीनों तक करोडों गरीब परिवारों को उज्जवला योजना के तहत मुफ्त सिलेंडर देने का ऐलान किया है. मोदी सरकार ने  2016 में इस योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत गरीब परिवारों को फ्री में गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए गए थे. अब लॉकडाउन और कोरोना के संकट के वक्त भी इस योजना से गरीबों को लाभ मिल रहा है वो भी फ्री में. इस योजना के समय विपक्ष ने कितनी आलोचना की सभी को पता है.

4- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि

मोदी सरकार ने 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शरुआत की थी. यह योजना कोरोना से जंग में अहम भूमिका निभा रही है. मोदी सरकार ने आर्थिक पैकेज में देश के करोडों किसानों को 2000-2000 रुपए देने का ऐलान किया है. किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपए भेजे जा चुके हैं.  ग्रमीण भारत को बचाने और किसानों को इस संकट की घड़ी में सुरक्षित रखने में ये योजना कमाल की सोच है.

5- डिजिटल इंडिया

मोदी सरकार  ने 2016 में नोटबंदी के बाद डिजिटल इंडिया पर जोर दिया था. लॉकडाउन के वक्त जब ज्यादातर ऑफलाइन सेवाएं बंद हैं, तब डिजिटल इंडिया से लोगों की राह काफी आसान हुई है. सब्जी, दूध से घर मकान की ईएमआई तक लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस मुश्किल वक्त में डिजिटल इंडिया से बैंकों का भी काम आसान हुआ है. वहीं, इसके चलते लोगों का एक दूसरे के संपर्क में आने का खतरा भी कम हुआ है. किसी ने उस समय सोचा भी नहीं होगा कि कोरोना से लड़ने में डिजिटल इंडिया इस तरह भूमिका निभा सकती है.

6- मेक इन इंडिया

भारत सरकार ने 2014 में मेक इन इंडिया की शुरुआत की थी. कोरोना के खिलाफ जंग में मेक इन इंडिया भी काफी अहम रोल निभा रहा है. आज भारत में पीपीई किट, वेंटिलेटर से लेकर एन 95 मास्क तक यहीं पर बन रहे है.कोरोना संकट के समय हमारे युवा कारोबारियों के लिए एक बड़ा मौका है मेक इन इंडिया. देश के अलग अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में युवा कारोबारी ना केवल आगे आ रहे है.बल्कि कोरोना से निपटने में मेक इन इंडिया हमें धीरे धीरे मेडिकल उपकरण जैसे सामानों में आत्मनिर्भर बनाने में एक बड़ी भूमिका ना केवल निभा सकती है बल्कि आने वाले समय में हम निर्यात को बढ़ाकर डॉलर के साथ रोजगार में भी तेजी से बढ़ोत्तरी कर सकते है. वैसे तो कई योजनाएं है मोदी सरकार की जो देश के आम गरीब और पिछड़े लोगों के कायाकल्प में लगी है.लेकिन मेरे हिसाब से मोदी सरकार कि ये 6 योजनाएं ऐसी है जो कोरोना से निपटने सबसे बड़े हथियार के रूप में सामने आई है.



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