जनता की अपेक्षाओं पर ख़रा उतरी सरकार: गजेंद्र सिंह शेखावत

शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत, भारतीयों और भारतीयता का सम्मान पूरे विश्व में स्थापित हुआ है. आज सरकार का एक साल पूरा होने पर मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने वाली जनता अत्यंत प्रसन्न होगी. जनता ने जिस अपेक्षा के साथ नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया था, उस अपेक्षा को पूरा करने के लिए अनुच्छेद-370 हटाने, राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त करने जैसे कई बड़े निर्णय लेने में सरकार कामयाब हुई है.

पिछले एक साल में विपक्ष की भूमिका पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे यहां कहा गया है, ‘निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छवाय…’ लेकिन निंदा करने वाला व्यक्ति ऐसा हो, जो रचनात्मकता के साथ आपको सुधार करने के लिए निंदा करे, न कि अपनी खोई हुई राजनीतिक जाजम को वापस बिछाने का सपना लेकर अनर्गल बयानबाजी करे.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब प्रधानमंत्री देश में 20 लाख करोड़ के पैकेज से नए उत्साह का संचार कर रहे थे, तब देश में सबसे पुराने दल का दंभ करने वाली राजनीतिक पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़े होकर कह रहे थे कि आज भारत माता रो रही है, तो मुझे लगता है कि देश इस हकीकत को ठीक से समझता होगा.

लॉकडाउन से देश को अनलॉक की तरफ ले जाने पर शेखावत ने कहा कि पिछले 60 दिनों में देश के आम नागरिक में जागरूकता का भाव उत्पन्न हुआ है, जो लॉकडाउन का अहम प्रयोजन था. लॉकडाउन लगाते समय हमारे लिए आवश्यक था कि हम बीमारी के फैलने की गति को कम करें और अपनी तैयारी की गति को बढ़ाएं. हम इसमें कामयाब हुए हैं.

शेखावत ने कहा कि अब हमें लाइफ और लाइवलीहुड के बीच बैलेंस बनाना है. लॉकडाउन की तरह अनलॉक 1, 2, 3 में हम वापस देश को सामान्य जीवन की तरफ लेकर जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम इस आपदा को अवसर में बदलते हुए आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. भले आज आपदा के कारण कुछ संकट पैदा हुआ है, लेकिन हम देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने का संकल्प पूरा करेंगे.

लॉकडाउन में गंगा समेत अन्य नदियों के स्वच्छ होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यही एक कारण नहीं है. प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में पिछले चार साल में जिस तरह से मिशन मोड में प्रयास किए गए, यह उसी का परिणाम है. इसका प्रभाव हम सबने पिछले वर्ष कुंभ मेले के समय देखा था. गत अक्टूबर में मैंने स्वयं गंगा नदी में राफ्टिंग के समय देखा था. उस वक्त भी गंगा आचमन के योग्य थी. हां, लॉकडाउन को हमने अवसर के रूप में लिया और गंगा में उद्योगों से हो रहे प्रदूषण के प्रभाव को जाना.

अपने मंत्रालय की हर घर नल से जल योजना पर उन्होंने कहा कि इस पर तेजी से कार्य हो रहा है, हम तय समय पर इसे पूरा करने में सफल होंगे.

विशाल बैरिस्टो, संवाददाता



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