असम में बाढ़ से हालात हुए और खराब
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने गोलपारा में पिछले 24 घंटों में नौ लोगों को बचाया है, जबकि 172.53 क्विंटल चावल, दाल, नमक और 804.42 लीटर सरसों का तेल और तिरपाल सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं का वितरित किया गया है। ब्रह्मपुत्र नदी जोरहाट के निमाटीघाट पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
बाढ़ के पानी में 321 गाँव डूबे हुए हैं जबकि 2,678 हेक्टेयर फसल क्षेत्रों को नुकसान पहुँचा है। अधिकारियों के मुताबिक राज्य के पांच जिलों में 57 राहत शिविर और वितरण केंद्र चलाए जा रहे हैं, जहां 16,720 लोग शरण लिए हुए हैं। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बुधवार को अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बाढ़ राहत शिविरों में सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल जैसे कि सामाजिक दूरी, हाथ धोने और मास्क पहनने को जारी रखा जाए ताकि इस दौरान बीमारी का प्रसार न हो सके। साथ ही मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि राहत सामग्री वितरित करते समय कोई अनियमितता न हो और बाढ़ में अपनी जान गंवाने वालों के परिजनों को 48 घंटे के भीतर अनुग्रह राशी का भुगतान किया जाए।
वहीं केंद्र सरकार ने राज्य आपदा राहत कोष के तहत इस साल की पहली किस्त के रूप में 386 करोड़ रुपये जारी किए हैं और मुख्यमंत्री ने बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए उपयुक्त सहायता प्रदान करने के लिए इसके उचित कदम उठाने पर जोर दिया है।
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