चीन से निपटने के लिए अमेरिका बना G7 कृत्रिम मेधा समूह का हिस्सा

अमेरिका कृत्रिम मेधा के इस्तेमाल के लिए नीतिपरक दिशा-निर्देश बनाने के वास्ते एक अंतरराष्ट्रीय समिति में शामिल हो गया है। पहले ट्रम्प प्रशासन ने इस विचार को खारिज कर दिया था। व्हाइट हाउस के मुख्य तकनीकी अधिकारी माइकल क्रैटसियोस ने बृहस्पतिवार को बताया कि नागरिक स्वतंत्रताओं को खतरे में डालने के मकसद से ‘‘तकनीक से छेड़छाड़’’ करने के चीन के रिकॉर्ड से निपटने के लिए साझा लोकतांत्रिक सिद्धांत स्थापित करना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, ‘‘चीन की प्रौद्योगिकी कंपनियां संयुक्त राष्ट्र में फेशियल रिकग्निशन (चेहरे की पहचान की तकनीक) और निगरानी पर अंतरराष्ट्रीय मानकों को नया आकार देने की कोशिश कर रही हैं।’’ ट्रम्प प्रशासन जी7 का इकलौता देश था, जिसने कृत्रिम मेधा पर वैश्विक साझेदारी का हिस्सा बनने पर सहमति नहीं जताई थी। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी मंत्रियों के बीच वर्चुअल बैठक के बाद बृहस्पतिवार को यह साझेदारी की गई।



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