म्यामां में सैन्य कार्रवाई के भय से हजारों लोगों का पलायन

रखाइन प्रांत की सरकार ने पिछले मंगलवार को एक आदेश जारी कर राथेडॉन्ग उपनगर के गांव प्रशासकों को वहां के निवासियों को घर से दूर रहने के लिए बताने का निर्देश दिया था क्योंकि सेना विद्रोहियों के खिलाफ “सफाया अभियान” चलाने की योजना बना रही है. “सफाया अभियान” चरमपंथ के खिलाफ म्यामां सेना की कार्रवाई को परिभाषित करने वाला शब्द है.

रखाइन प्रांत के सुरक्षा एवं सीमा मामलों के मंत्री द्वारा पिछले शुक्रवार को आदेश रद्द किए जाने के बाद भी पिछले पूरे हफ्ते तक 40 से अधिक गांवों से पलायन जारी रहा.

राथेडॉन्ग उपनगर के लिए संसद के ऊपरी सदन के सदस्य खिन माउंग लट ने सोमवार को कहा, “जब से यह आदेश जारी किया गया, 10,000 से ज्यादा लोग अभियान वाले इलाके के अपने गांव छोड़कर चले गए.”

सरकार और अराकान आर्मी के बीच लगभग एक साल से भी ज्यादा वक्त से बीच-बीच में संघर्ष होता रहता है. अराकान आर्मी इलाके के रखाइन नस्ली समूह के सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने वाला अच्छी तरह से प्रशिक्षित और हथियारों से लैस गुरिल्ला बल है.

रखाइन में 2017 में सेना ने मुस्लिम रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के चरमपंथियों के खिलाफ अभियान चलाया था लेकिन आलोचकों का आरोप था कि यह कार्रवाई देश से रोहिंग्या को बाहर करने के लिए चलाया गया आतंक पैदा करने का अभियान था.

एक अनुमान के तहत 7,40,000 रोहिंग्या पड़ोसी देश बांग्लादेश पलायन कर गए हैं, जहां से शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं.



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