आतंक के गढ़ त्राल से हिजबुल का सफाया
जम्मू-कश्मीर के आईजी पी विजय कुमार ने कहा है कि 1989 के बाद ये पहली बार हुआ है कि त्राल हिजबुल मुजाहिदीन के आतंक से मुक्त हुआ है. हिजबुल मुजाहिदीन का पोस्टर बॉय आतंकी बुरहान वानी त्राल का ही था.
1989 में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन की स्थापना हुई थी, जिसे बनाया था आतंकवादी एहसान डार ने. बाद में इसकी कमान आतंकी सैय्यद सलाउद्दीन के हाथों में आ गई. आतंकी सैयद सलाउद्दीन पाकिस्तान में बैठकर आज भी पाकिस्तान के हुक्मरानों, वहां की सेना और आईएसआई के साथ मिलकर भारत के खिलाफ मंसूबे बनाता रहता है.
किसी समय कश्मीर घाटी में सबसे ज्यादा सक्रिय कोई आतंकवादी संगठन था, तो वो हिजबुल मुजाहिदीन ही था. लेकिन जिस तरह से मोदी सरकार आतंकवाद के खिलाफ तेजी से कार्रवाई कर रही है, इसके साथ ही अनुच्छेद-370 हटाकर और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित घोषित कर मोदी सरकार ने पहली प्राथमिकता लोगों के विकास के साथ आतंकवाद पर प्रहार करने के लिए सुरक्षाबलों को फ्री हैंड किया. उसी का नतीजा था कि सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के बीच आतंक को मिटाने के लिए बेहतर को-ऑर्डिनेशन हुआ.
ऑपरेशन ऑलआउट के तहत पिछले एक साल में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया, जिसमें ज्यादातर हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी थे. 2014 के बाद से हमारे सुरक्षाबलों के हाथों से मारे गए शीर्ष हिजबुल मुजाहिदीन कमांडरों में आदिल खान, बुरहान वानी, सुबजर भट, जाकिर मूसा शामिल हैं. हालांकि जाकिर बाद में हिजबुल से अलग होकर अंसार गजावतुल हिंद में शामिल हुआ. इसके अलावा आकिब मौलवी, हामद खान, शकूर, रियाज नाइकू और मोहम्मद कासिम शामिल हैं.
एक के बाद एक आतंक के सौदागरों पर हमारे सुरक्षाबल भारी पड़ रहे हैं. सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशों को लगातार हमारे जवान नाकाम कर रहे हैं. इस साल जून तक कई घुसपैठियों को सीमा पर ही मार गिराया गया है. यानि आतंक की तस्करी पर हर तरह से लगाम लगा दी गई है.
हमारी एजेंसियों ने घाटी में आतंकी फंडिंग को लेकर भी नकेल कस दी है, ताकि उनकी कमर टूट जाए. इसके साथ ही नार्को टेरर को लेकर भी लगातार शिकंजा कसा जा रहा है. मोदी सरकार आतंक के हर उस कदम पर सख़्ती के साथ प्रहार कर रही है, जिससे जम्मू-कश्मीर पूरी तरह से आतंक मुक्त हो जाए. हालांकि इसके लिए हमारे सुरक्षाबलों ने भी बड़ी कीमत चुकाई है. कई जवान आतंकियों का निशाना भी बने हैं.
आज घाटी में सिर्फ कुछ ही आतंकवादी बचे हुए हैं, जिनको भी जल्द उनके साथियों के पास पहुंचा दिया जाएगा. जिस तरह से आज त्राल हिजबुल मुजाहिदीन के आतंक से मुक्त हुआ है और जिस तरह से हमारी सेना और जवान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, वो दिन दूर नहीं जब पूरा जम्मू-कश्मीर भी आतंकवाद मुक्त हो जाएगा.
नीरज सिंह, वरिष्ठ संवाददाता
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